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Tourist Place in latehar: नेतरहाट के कई पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की नो इंट्री, सैलानी निराश, जानें इसकी वजह

Tourist Place in latehar: नेतरहाट के कई पर्यटन स्थलों में नो इंट्री के कारण पर्यटक निराश हैं. क्योंकि डेढ़ साल के बाद भी सरकार ने यहां के पार्क और बोटिंग के लिए निविदा नहीं निकाली.

Tourist Place in latehar, लातेहार, चंद्रप्रकाश : छोटानागपुर की रानी के नाम से मशहूर प्रसिद्ध पर्यटक स्थल नेतरहाट इन दिनों पर्यटकों से गुलजार हो रहा है. दिसंबर का महीना आते ही यहां प्रतिदिन झारखंड के अलावा देश विदेश के सैकडों पर्यटकों का तातां लगा रहता है. लेकिन इन दिनों नेटरहाट के कई पर्यटन स्थलों में नो इंट्री के कारण पर्यटकों में भारी रोष व्याप्त है. राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करके यहां की खूबसूरत प्राकृतिक वादियों को सैलानियों के लिए सजाने संवारने का काम किया गया. सैलानियों के लिए लिए कई पार्क बनाये गये. मनोरंजन के लिए बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. मगर डेढ़ वर्षों के बाद भी इसकी निविदा नहीं हुई जिससे कई पार्क और बोटिंग की सुविधाएं बंद पड़ी है.

कई पार्कों में पर्यटकों की नो एंट्री

नेतरहाट में सैलानियों के लिए सूर्योदय एवं सूर्यास्त के आकर्षक और मनमोहक नजारों के लिए प्रसिद्ध है. इसके अलावा कोयल व्यू प्वाइंट पर प्राकृति की अद्भुत नजारा भी आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा है. पार्क के दोनों ओर से चिड़पाइन से घिरे इस पॉइंट पर ऊंचाई से प्रकृति के बीच खूबसूरत पहाड़ों व जंगलों से घिरे सफेद चांदी सा कोयल नदी का दृश्य सभी को आकर्षित करती है. सैलानी एसके बनर्जी, ममता भट्टाचार्य, संतोष भट्टाचार्य बताते हैं कि यहां का व्यू बहुत ही सुंदर एवं आकर्षक है.

लेक व्यू प्वाइंट का मेन गेट बंद

पार्क के बंद होने से काफी दिक्कत हुआ है. वहीं, लेक व्यू प्वाइंट के मेन गेट पर पार्क बंद है का बोर्ड लगा दिया गया है. हालांकि, तालाब में लेक व्यू नौका बिहार पर पैडल बोट के अलावा बैटरी मोटर से संचालित बोट लगाए गए हैं. इसका संचालन बिना टेंडर के किया जा रहा है. स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा प्रति बोट तीन से पांच सौ रूपये की रसीद काटकर लिया जा रहा है.

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डेढ़ वर्षों से वहां काम करने वालों को नहीं मिला वेतन

इस संबंध में स्वावलंबी सहकारी समिति के अध्यक्ष अमन उरांव ने बताया कि नौका बिहार के लिए तीन लोगों को प्रशिक्षित कर नियुक्ति पत्र भी दिया गया है. मगर डेढ़ वर्षों से हम लोगों को वेतन नहीं मिला है. जिससे हमारे समक्ष परिवार के भरण पोषण की समस्या आ खड़ी हुई है. सूर्योदय पॉइंट के समीप बने पार्क इको विकास समिति को संचालन करने के लिए दिया गया था. जो बंद पड़ा हुआ है. इससे विभागीय उदासीनता के कारण नेतरहाट में पर्यटन को बढ़ावा देने की सरकार की योजना पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

नाका लगाकर पर्यटकों की इंट्री कर दी गयी बंद

नेतरहाट आने पर पर्यटक यहां की सुंदर झरनों और प्राकृतिक नजारों का लुफ्त उठाने के लिए लोअर घघरी, अपर घघरी और नैना वॉटर फॉल जाना भी खूब पसंद करते हैं. मगर यहां जाने वाले मार्ग पर वन विभाग द्वारा नाका लगाकर पर्यटकों की इंट्री बंद कर दी गई है. इस संबंध में गारू पूर्वी वन क्षेत्र के रेंजर उमेश कुमार दुबे ने बताया कि सरकार ने लोअर घाघरी पर्यटन स्थल घोषित नहीं किया है. ये कोर एरिया के अंतर्गत है इसलिए यहां आम लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है.

नैना वॉटरफॉल तक पहुंचने का रास्ता भी जर्जर

नैना वॉटरफॉल तक पहुंचने का रास्ता भी काफी जर्जर हो गया है. इससे सैलानियों को आने जाने में भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय जन प्रतिनिधि अजय प्रसाद, पूर्व मुखिया सुधीर बृजिया, समाजिक कार्यकर्ता शिवशंकर यादव समेत अन्य लोगों का मानना है कि इन समस्याओं के कारण आने वाले समय में नेतरहाट में पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आ सकती है.

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