आंगनबाड़ी सेविका और माता समिति के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण
महुआडांड़ प्रखंड कार्यालय सभागार में गुरुवार को लीड्स संस्था की ओर से आंगनबाड़ी सेविकाओं और माता समिति के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया.
महुआडांड़. महुआडांड़ प्रखंड कार्यालय सभागार में गुरुवार को लीड्स संस्था की ओर से आंगनबाड़ी सेविकाओं और माता समिति के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. संस्था के परियोजना समन्वयक राजेंद्र उरांव ने कहा कि बच्चों के लिए हितकारी योजनाओं से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो, ऐसी कार्य योजना के साथ मिलकर आगे बढ़ने की जरूरत है. आंगनबाड़ी से मिलनेवाली सेवाओं, बच्चों एवं गर्भवती व धात्री माताओं को सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती है. संस्था के रांची से आये मनीष कुमार ने बताया कि आइसीडीएस कार्यक्रम दो अक्तूबर 1975 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर शुरू की गयी थी. आइसीडीएस कार्यक्रम मानव संसाधन विकास मंत्रालय के महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाया जा रहा है, जो देश का सबसे बड़ा और बहुआयामी कार्यक्रम है. इसके अंतर्गत प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और विकास के लिए जनजातीय क्षेत्रों में रहनेवाले छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों के विकास के लिए और गर्भवती, दूध पिलाने वाली माताओं तथा किशोरियों के लिए समेकित सेवाएं दी जाती हैं. परियोजना समन्वयक ने बताया कि आंगनबाड़ी में मुख्य रूप से छह सेवाएं स्कूल पूर्व शिक्षा, पूरक पोषाहार, टीकाकरण, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा व रेफरल सेवाएं और स्वास्थ्य की जांच दी जाती है. उन्होंने मिशन वात्सल्य से संबंधित जानकारी भी दी. कहा कि मिशन वात्सल्य का लक्ष्य भारत के हर बच्चे के लिए एक स्वस्थ एवं खुशहाल बचपन सुनिश्चित करना है, ताकि उन्हें अपनी पूर्ण क्षमता का पता लगाने के लिए अवसर प्रदान करना है. महिला पर्यवेक्षक प्रेमती कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया गया. मौके पर संस्था के कार्यकर्ता संध्या कुजूर, विक्की कुमार, नीतीश कुमार मिंज के अलावा कमला देवी, निशि रानी, मनोरमा व अनुप्रिया समेत कई सेवािकाएं उपस्थित थी.
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