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झारखंड में लूटी जा रही आदिवासियों की जमीन : पूर्व विधायक

जिला पड़हा व आदिवासी संगठनों ने डीसी ऑफिस घेरा

लातेहार. आदिवासी जमीन बचाओ अभियान के तहत जिला पहड़ा व आदिवासी संगठन द्वारा बुधवार को पहड़ा राजा प्रभु दयाल सिंह के नेतृत्व में उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया गया. मौके पर मुख्य अतिथि के पूर्व विधायक देव कुमार धान ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों की जमीन को लूटी जा रही है. जमीन के नेचर को चेंज कर आदिवासियों की जमीन हड़पी जा रही है. झामुमो, कांग्रेस, राजद व भाजपा ने इस पर लगाम लगाने की कोशिश नहीं की है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों की जितनी जमीन लूटी गयी है, इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए. किसी भी जमीन का बिना ग्रामसभा के अधिग्रहण नहीं किया सकता है. उन्होंने सामाजिक धार्मिक जमीन जैसे पहनई, मुंडारी, पुजार, महतोई व कोटवारी जमीन को चिन्हित कर उसकी रक्षा करने की मांग की है. जिला पहड़ा राजा प्रभु दयाल सिंह ने कहा कि वर्ष 1989-90 में जो सर्वे हुआ था, उसमें 75 प्रतिशत जमीन में गड़बड़ी हुई है. सादा पट्टा से आदिवासियों की जमीन की खरीद-बिक्री की जा रही है, जिस पर रोक लगायी जाये. लोहरा समाज के जिला अध्यक्ष मोहन लोहरा ने कहा कि आदिवासी लोहार की खतियानी जमीन को जनरल जमीन बात कर खरीद की जा रही है. गैरमजुरूआ जमीन का फर्जी कागज बनाकर बेचा जा रहा है. इसके पूर्व शहर के बाजारटांड़ से विरोध रैली निकाली गयी जो मेन रोड होते हुए समाहरणालय पहुंची. इस अवसर पर पर बिरसा मुंडा, दिगंबर टाना भगत, सुकू उरांव, रामलाल उरांव, पहलू उरांव, राजू गंझू, धनराज टाना भगत, रजंती देवी, विनोद उरांव व चमरू उरांव समेत काफी संख्या में महिला पुरुष मौजूद थे.

मुख्य द्वार जाम रहने से फिर कार्यालय लौटे डीसी

समाहरणालय के मुख्य द्वार को घेर कर बैठे प्रदर्शनकारियों के कारण अधिकारियों को परेशानी हुई. समाहरणालय से अपने आवास जाने के लिए उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता जैसे कार्यालय से निकले, लेकिन मुख्य द्वार जाम रहने के कारण पुनः कार्यालय चले लौट गये. वहीं डीडीसी सुरजीत कुमार सिंह, आइटीडीए निदेशक प्रवीण कुमार गागराई व एलआरडीसी उदय कुमार को पैदल अपने आवास जाना पड़ा. वहीं कई अधिकारियों को दूसरे रास्ते से आना-जाना पड़ा.

एसडीओ व पूर्व विधायक में हुई बहस

धरना कार्यक्रम के दौरान एसडीओ अजय कुमार रजक मौके पर पहुंचे और लोगों को धरना समाप्त करने की बात कही. इस पर पूर्व विधायक देव कुमार धान ने कहा कि अपने हक व अधिकार की लड़ाई के लिए आंदोलन कर रहे हैं. इसकी सूचना दी जा चुकी है. तब एसडीओ ने कहा कि धरना संबंधित कोई सूचना पहले नहीं मिली है. इस दौरान दोनों के बीच तीखी बहस भी हुई. इसके कुछ देर के बाद धरना समाप्त हुआ. धरना के बाद राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

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