बालूमाथ . रांची-चतरा मुख्य पथ (एनएच-99) पर गेरेंजा गांव के समीप सोमवार की सुबह ग्रामीणों ने अधिग्रहित भूमि का मुआवजा नहीं मिलने पर हाइवे को जाम कर दिया. ग्रामीण जमीन के बदले मुआवजे की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे. बताया जाता है कि सुबह करीब साढ़े छह बजे से ही लोग एनएच पर बैठ गये थे. इससे सड़क के दोनों छोर पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. एनएच जाम की सूचना मिलते ही बीडीओ सोमा उरांव, अंचलाधिकारी विजय कुमार, थाना प्रभारी अमरेंद्र कुमार वहां पहुंचे और जामकर्ताओं से वार्ता का प्रयास किया. करीब पांच घंटे बाद सीओ के लिखित आश्वासन के बाद लोग मानें. इसके बाद दिन के करीब 11:30 बजे लोग सड़क से हटे. जाम के दौरान करीब दो किमी तक वाहनों की कतार लगी रही. यात्री बसों में पैसेंजर परेशान रहे. बस, ट्रक समेत छोटे वाहनों में लोग फंसे रहे. मौके पर पंचायत समिति सदस्य पिंटू नायक, धर्मदेव उरांव, बबुना उरांव, कुश उरांव, जीतू उरांव समेत कई ग्रामीण मौजूद थे. ग्रामीणों की शिकायत: ग्रामीणों ने बताया कि मिशन मोड़ से मकइयांटांड़ पुलिस पिकेट तक उनकी करीब 300 एकड़ रैयती जमीन तीन वर्ष पूर्व एनएच चौड़ीकरण व निर्माण कार्य में चली गयी. तीन वर्ष पूर्व संतोष कंस्ट्रक्शन की ओर से अंचल से लिखित कागजात देकर जमीन के बदले मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया था. अब तक उन्हें जमीन का मुआवजा नहीं मिला है. ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में वे कागजात लेकर अंचल कार्यालय गये थे, लेकिन राजस्व कर्मचारी ने जमीन सत्यापन के नाम पर 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. इसकी शिकायत ग्रामीणों ने डीसी से की थी. इसके बावजूद कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं हुई. रिश्वत नहीं देने के कारण फाइल आगे नहीं बढ़ी. अंचल से लेकर जिला तक ग्रामीण चक्कर लगाते रहे. उनकी बात सुनकर सीओ ने पांच दिन के भीतर मामले के निबटारे की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया.
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