रनिया: रनिया प्रखंड के खट्कुरा पंचायत अंतर्गत कोनबीरकेल गांव में मंगलवार को दिरीचपी दिरीदुल सुनूम हड़गड़ी पूजा का आयोजन कर ग्रामीणों ने अपने पुरखों को याद किया. अनुष्ठान में मंगल पहाऩ ने कहा कि हमें अपने पुरखों के उपहार को संजोने की जरूरत है. आनेवाली पीढ़ी को भी हमारी संस्कृति मिले. पूजार मुन्ना बुढ़ ने कहा कि हमारी संस्कृति संघर्षों के बाद मिली है. पुरखों ने जब गांव बसाना शुरू किया, तब जंगली जानवरों से लड़ उन्होंने जंगलों को आबाद किया और गांव को बसाया.
होलसय होरो ने कहा कि पुरखों ने भी अपनी बातें रखीं. इस अवसर पर महिलाओं ने पुरखों को चावल का आटा, इलि तपन, तेल, सिंदूर देकर श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं गीत गाकर सुख समृद्धि की कामना की गयी. मौके पर दुगा सुरीन, पल्टू सुरीन, होलसाय होरो, दुखिया होरो, सोमारी होरो, नोन्दो सुरीन, बहामानी सुरीन आदि मौजूद थे.
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उपायुक्त लोकेश मिश्र ने मंगलवार को अपने कार्यालय कक्ष में पर्यटन स्थलों के विकास को लेकर बैठक की. बैठक में उपायुक्त ने ए, बी, सी, डी के रूप में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के पर्यटन स्थलों की श्रेणियों के आधार पर विचार-विमर्श किया. उपायुक्त ने पर्यटन विकास को लेकर कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया. बैठक में पेरवाघाघ, रीमिक्स फॉल, पांडा-पुडिंग, लतरातू और उलुंग में सैलानियों के लिए आवश्यक सुविधा बहाल किये जाने पर चर्चा की गयी. उन्होंने कहा कि जिला में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं. यहां के पर्यटन स्थलों को विकसित किया जायेगा. साथ ही पर्यटन के बढ़ावा के साथ लोगों के लिए रोजगार के नये अवसर पर भी चर्चा की गयी. मौके पर डीडीसी नीतीश कुमार सिंह, एसडीओ अनिकेत सचान सहित अन्य उपस्थित थे.