किस्को. ग्राम जल स्वच्छता समिति द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय के समीप किस्को नदी में बने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से परहेपाठ पंचायत के लगभग 1000 परिवार को घर-घर मिलने वाले पानी पिछले डेढ़ माह से बंद पड़ा है. पानी सप्लाइ नहीं होने से लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है.
इससे लोगों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुई है. पिछले एक महीने से पानी नहीं मिलने से लोग परेशान है. ग्रामीण जयराम राम, लूरका राम, जगदेव उरांव, देवानंद साहू, सुखदेव रजवार व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक माह से अधिक समय से पानी बंद कर दिया गया है. इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार मुखिया, जल सहिया व पानी संचालन समिति से पानी देने की बात की जा रही है, परंतु लोगों को अबतक पानी नहीं मिल पाया है.
पेयजल के अभाव में लोगों को इधर-उधर से पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है. इलाके के लोग दूषित पानी पीने को विवश हैं. इस संबंध में पूछे जाने पर जलसहिया सुमित्रा उरांव से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पानी संचालकों की मनमानी रवैये के कारण पानी बंद है. कहा कि पानी संचालकों द्वारा बिना किसी जानकारी के पानी बंद कर दिया जाता है. वहीं पानी संचालक वीरेंद्र भगत व सुशील भगत का कहना है कि मशीन खराब होने के कारण पानी नहीं जिया जा रहा है.
इसे बनवाने के लिए कई बार संबंधित कर्मी को अवगत कराया जा चुका है, परंतु मशीन नहीं बनायी जा रही है. मुखिया सुखमणि लकड़ा का कहना है कि ग्राम जल स्वच्छता समिति के पास पैसा नहीं होने से मशीन नहीं बन पा रही है अौर पानी संचालकों को पैसा नहीं दिया जा रहा है, जिस कारण पानी बंद है.
लोगों द्वारा महीना समाप्त होने के बाद भी बार-बार मांगने से पैसा नहीं दिया जाता है, जिस वजह से पानी संचालन सुचारु रूप से नहीं हो पाता है. इस मामले पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अनिल कुमार मिंज का कहना है कि मुखिया का कार्यकाल समाप्त होने के कारण ग्राम जल स्वच्छता समिति की बैठक नहीं हो रही है. जल्द पंचायत सेवक के साथ ग्रामीणों की बैठक कराते हुए पानी की आपूर्ति की जायेगी. पानी की समस्या जल्द से जल्द दूर करने का प्रयास किया जायेगा.