बचे हुए नक्सली सरेंडर करें या गोली खायें : डीआइजी

लोहरदगा: झारखंड पुलिस भटके हुए नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने को लेकर सरेंडर पॉलिसी नयी दिशा के तहत काम कर रही है जो काफी सफल रही है. झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सलमुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है. इसे धरातल पर उतारने के लिए पुलिस नक्सलियों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई कर रही है़. इससे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2017 1:53 PM

लोहरदगा: झारखंड पुलिस भटके हुए नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने को लेकर सरेंडर पॉलिसी नयी दिशा के तहत काम कर रही है जो काफी सफल रही है. झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सलमुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है. इसे धरातल पर उतारने के लिए पुलिस नक्सलियों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई कर रही है़.

इससे नक्सली कमजोर हो रहे हैं और आत्मसमर्पण कर रहे हैं उक्त बातें पुलिस उप महानिरीक्षक अमोल वेनुकांत होमकर ने लोहरदगा में चार उग्रवादियों के आत्मसमर्पण करने के मौके पर कही. उन्होंने कहा कि नक्सलियों के आत्समर्पण के मामले में लोहरदगा पुलिस का रिकार्ड इस वर्ष पूरे राज्य में अव्वल रहा है. लोहरदगा पुलिस झारखंड रिजनल कमेटी के मेंबर सहित कई बड़े नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराया. अब सेंट्रल कमेटी के मेंबर सुधाकरण तथा देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद के दस्ते से भी नक्सली भाग रहे हैं.

और पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर रहे हैं. जिले के चार इनामी एवं दस्ता सदस्य माओवादी उग्रवादी आत्मसमर्पण किये. इन नक्सलियों को सरकार द्वारा घोषित आत्मसमर्पण नीति ऑपरेशन नयी दिशा के तहत राहत एवं पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि अब क्षेत्र में एक दर्जन इनामी नक्सली बचे हुए हैं जिनको पुलिस छापामारी कर तलाश कर रही है. इनमें 25 लाख रुपये का इनामी सुधाकरण उर्फ किरण उर्फ शरत, 10 लाख रुपये का ईनामी निलीमा उर्फ पदमा उर्फ जया, 10 लाख रुपये का इनामी रवींद्र गंझु, 10 लाख रुपये का इनामी दीपक उरांव उर्फ प्रकाश उरांव, 10 लाख रुपये का इनामी भूषण यादव, 10 लाख रुपये का इनामी बलराम उरांव, 10 लाख रुपये का इनामी मुनेश्वर गंझु, पांच लाख रुपये का इनामी उगेश्वर यादव, पांच लाख रुपये का इनामी अघनू गंझु, पांच लाख रुपये का इनामी बालक गंझु, दो लाख रुपये का इनामी अनिल तुरी, दो लाख रुपये का इनामी गोविंद बिरजिया फरार है. फरार माओवादी उग्रवादियों को चेतावनी दिया गया है कि वे हिंसावादी विचारधारा छोड़ कर आत्मसमर्पण करें. पुलिस की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास की नीति का लाभ उठायें तथा समाज की मुख्य धारा से जुड़े अन्यथा गोली खाने को तैयार रहें.

उन्होंने कहा कि जिले में काफी संख्या में माओवादी उग्रवादी के आत्मसमर्पण करने से पुलिस का हौसला बढ़ा है साथ ही आत्मसमर्पण नीति भी सार्थक साबित हो रही है. झारखंड पुलिस राज्य को नक्सलमुक्त राज्य बनाने के लिए कृत संकल्प है. मौके पर एसपी अभियान विवेक ओझा, डीएसपी आशिष महली, एसडीपीओ अरविंद कुमार वर्मा, इंस्पेक्टर जेपीएन चौधरी, संजय कुमार सिंह, अजय प्रसाद, थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद, अनिल कुमार तिवारी, सुधीर प्रसाद, नवीन प्रकाश पांडेय शामिल थे.

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