जर्जर सड़कों को शीघ्र दुुरुस्त किया जायेगा : विधायक

लोहरदगा: विधायक सुखदेव भगत के अनुशंसा पर स्वीकृत कालीकरण पथ भंडरा प्रखंड के ग्राम नवडीहा पीएमजीएसवाइ पथ से ग्राम मकुंदा तक सड़क निर्माण का शिलान्यास झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह विधायक सुखदेव भगत ने किया. गांव पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा उनका पारंपरिक ढंग से स्वागत किया गया. मौके पर विधायक श्री भगत ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2017 1:03 PM
लोहरदगा: विधायक सुखदेव भगत के अनुशंसा पर स्वीकृत कालीकरण पथ भंडरा प्रखंड के ग्राम नवडीहा पीएमजीएसवाइ पथ से ग्राम मकुंदा तक सड़क निर्माण का शिलान्यास झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह विधायक सुखदेव भगत ने किया. गांव पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा उनका पारंपरिक ढंग से स्वागत किया गया. मौके पर विधायक श्री भगत ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान जनता से सड़क बनाने का जो वादा किया था, वह पूरा किये. इस गांव में पहुंचने का एक और सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया था.

जिले में उनके अनुशंसा पर दर्जनों सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है. अन्य जर्जर सड़कों का प्राथमिकता के आधार पर कालीकरण कराया जाएगा. अच्छी सड़कें विकास का पैमाना तय करती हैं. इससे क्षेत्र का विकास होता है, लोगों को आवागमन में सुविधा होती है. श्री भगत ने कहा कि गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने उपस्थित संवेदकों को मजदूरों का भुगतान समय से करने का निर्देश दिये.

श्री भगत ने कहा कि इस गांव में पेयजल की बेहतर व्यवस्था के लिए विधायक निधि से लघु सोलर जलापूर्ति का निर्माण करवाया. इस गांव में जल्द ही विधायक निधि से पीसीसी पथ का निर्माण कराया जायेगा. इस गांव की एक और महत्वपूर्ण समस्या है सिंचाई के लिए बिजली की व्यवस्था करना उसके लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है. श्री भगत ने कहा कि अपने क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए वे प्रयासरत हैं. श्री भगत ने कहा कि राज्य की जनता अनाज के अभाव में भूख से मर रही है. इसके खिलाफ 30 अक्तूबर को राज्य के सभी जिला मुख्यालय में कांग्रेस पार्टी धरना देकर सरकार का विरोध करेगी. मौके पर आलोक कुमार साहू, डोमना उरांव, जिबरा पाहन, सुशील भगत, विजय जायसवाल, रामजी प्रसाद, सुदामा गिरी, गरभू उरांव, चंदर उरांव, बिरसु उरांव, राधा देवी, बिरसा उरांव, शमीम अंसारी, उमानाथ शाहदेव, राजू उरांव, सुखैर उरांव, शांति उरांव, जितना उरांव, फूलचंद उरांव, डहरू उरांव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.

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