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दुर्भाग्य: शहीद के गांव में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव, वाहन से तीन किमी सड़क पार करने में लगाते हैं 20 मिनट

भंडरा- लोहरदगा: शहीद पांडेय गणपत राय का जन्म भंडरा प्रखंड के भौंरो गांव में हुआ था, लेकिन आजादी के 70 साल बाद भी इस गांव में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. भंडरा से भौंरो गांव की दूरी तीन किमी है. वाहन से इस तीन किमी की दूरी तय करने के लिए 20 मिनट का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2017 1:14 PM
भंडरा- लोहरदगा: शहीद पांडेय गणपत राय का जन्म भंडरा प्रखंड के भौंरो गांव में हुआ था, लेकिन आजादी के 70 साल बाद भी इस गांव में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. भंडरा से भौंरो गांव की दूरी तीन किमी है. वाहन से इस तीन किमी की दूरी तय करने के लिए 20 मिनट का समय लगता है. वर्षों पहले बनायी गयी सड़क की स्थिति जर्जर हो गयी है.

जगह जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं. भौंरो जाने के रास्ते में बनाया गया पुल का संपर्क सड़क से टूट गया है. पंचायत के मुखिया कुलदीप उरांव बताते हैं कि भौंरो गांव की जनता एक अच्छी सड़क के लिए तरस रही है. भौंरो गांव जाने के लिए कोई भी सड़क की स्थिति चलने लायक नहीं है.

इस तरह गांव में साफ सफाई का भी अभाव है. यहां के लोग बताते हैं कि नेता, अधिकारी तो समारोह में आते हैं और बड़े बड़े दावे कर चले जाते हैं लेकिन उनके दावे हमेशा से खोखले साबित होते हैं. पांडेय गणपत राय के इस पैतृक गांव में स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय का निर्माण तो कराया गया लेकिन उसकी स्थिति भी बेहतर नहीं है. बिजली के बेतरतीब तार यहां हर पल दुर्घटना को आमंत्रित करते हैं. पेयजल की समस्या अभी इस गांव के लोगों के लिए बड़ी समस्या है. विकास के नाम पर बेतरतीब नाली का निर्माण कर दिया गया है. भौंरो के लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण यह गांव विकास से दूर है.
भौंरो गांव स्थित पांडेय गणपत राय के स्मारक स्थल में 17 जनवरी को प्रतिवर्ष पांडेय गणपत राय की जयंती मनायी जाती है. जयंती समारोह में प्रतिवर्ष झारखंड सरकार के मंत्री आते हैं. स्थानीय सांसद भी जयंती समारोह में भाग लेते हैं. जयंती समारोह से पहले प्रशासन द्वारा खराब सड़क में मोरम डाल कर चलने लायक बनाने का प्रयास किया जाता है परंतु ग्रामीणों के वर्ष भर चलने की चिंता किसी को नहीं है. भौंरो गांव के कमल क्लब अध्यक्ष संतोष साहू सहित अन्य लोगों का कहना है कि आजादी की लड़ाई के लिए महान योद्धा शहीद सपूत देने वाले भौंरो गांव को सड़क जैसी समस्या झेलनी पड़ रही है.

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