हमारी संस्कृति सीधी और भोली-भाली है : सुखदेव भगत
भंडरा-लोहरदगा : माघ चतुर्थी के अवसर पर भंडरा प्रखंड के पझरी पहाड़ माघ जतरा महोत्सव में जनजातीय संस्कृति का अद्भुत नजारा दिखाया दिया. परंपरागत नृत्य और गीत में झूमते हुए जनजातीय समुदाय को लोगों ने सर्वप्रथम पहान पुजार के नेतृत्व में परंपरागत रूप से चली आ रही खूंटा पूजा की गयी. मेले को लेकर लोगों […]
भंडरा-लोहरदगा : माघ चतुर्थी के अवसर पर भंडरा प्रखंड के पझरी पहाड़ माघ जतरा महोत्सव में जनजातीय संस्कृति का अद्भुत नजारा दिखाया दिया. परंपरागत नृत्य और गीत में झूमते हुए जनजातीय समुदाय को लोगों ने सर्वप्रथम पहान पुजार के नेतृत्व में परंपरागत रूप से चली आ रही खूंटा पूजा की गयी.
मेले को लेकर लोगों में बेहद उत्साह देखा गया. माघ जतरा में मुख्य रूप से उपस्थित विधायक सुखदेव भगत एवं भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश महामंत्री सह माघ जतरा के संयोजक बिंदेश्वर उरांव मांदर एवं नगाड़े के थाप पर खूब झूमा और उत्साह पूर्वक लंबे समय तक नगाड़ा बजाते रहे एवं लोगों के साथ झूमते रहे.
मौके पर विधायक सुखदेव भगत ने कहा हमारी संस्कृति सबसे सीधी और भोली-भाली है इसे सबको बनाये रखना है. उन्होंने कहा कि हम प्रकृति के पूजक हैं, जो हमें सबसे अलग करता है. उन्होंने जनजातीय समुदाय से कहा कि दारू पीना कम करिये. उन्होंने कहा हम छोड़ने नहीं कह रहे हैं लेकिन दारू कम पीजिये. सभी प्रेम से मिलजुल रहें. जतरा के संयोजक बिंदेश्वर उरांव ने उपस्थित लोगों को कहा कि पझरी माघ जतरा सैकड़ो वर्षों से चला आ रहा है.
जनजातीय समाज में भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज, धर्म और पूजा पद्धति ही जनजातीय समाज की धरोहर है. यही हम सबकी पूंजी है जो सबको एक साथ नाचने और झूमने को आकर्षित करता है.
उन्होंने कहा शिव पार्वती हमारे पूर्वज हैं. जनजातीय समाज को अपनी संस्कृति को बनाये रखने की भरसक प्रयास करे. मौके पर विशुनपुर के पूर्व विधायक रमेश उरांव ने कहा कि जनजातीय समाज को अपनी संस्कृति के प्रति सजग रहते हुए अपने अधिकार को जानने समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रार्थना सभा के माध्यम से आदिवासी जनमानस को भटकाया जा रहा है, इससे समाज सतर्क रहें.
मौके पर आलोक साहू, राजू शर्मा, विवेक सोनी, भुनेश्वर उरांव, एतवा उरांव, वीरेंद्र उरांव, कृष्ण चैतन्य ब्रह्मचारी, शिव राम कच्छप, डोमन उरांव, भंडरा थाना प्रभारी जगलाल मुंडा सहित आदीवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे.