विकास की आस में है जनता

नगर पर्षद के बोर्ड के गठन का एक वर्ष पूरा, पर लोहरदगा : नगर पर्षद लोहरदगा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं वार्ड पार्षदों के शपथ ग्रहण का मंगलवार सात मई को एक वर्ष हो जायेगा. 11 अप्रैल 2013 को चुनाव परिणाम की घोषणा की गयी थी. इस चुनाव में जो भी लोग चुन कर आये वे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2014 4:31 AM

नगर पर्षद के बोर्ड के गठन का एक वर्ष पूरा, पर

लोहरदगा : नगर पर्षद लोहरदगा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं वार्ड पार्षदों के शपथ ग्रहण का मंगलवार सात मई को एक वर्ष हो जायेगा. 11 अप्रैल 2013 को चुनाव परिणाम की घोषणा की गयी थी. इस चुनाव में जो भी लोग चुन कर आये वे सारे ऊर्जावान हैं और जनता को इनसे ढेर सारी उम्मीदें भी हैं. लेकिन अपने एक वर्ष के कार्यकाल में इस बोर्ड के द्वारा लाख प्रयासों के बावजूद कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया जा सका है.

शहरी क्षेत्र में समस्याएं तो अनेक हैं लेकिन उन समस्याओं का निदान धरातल पर नहीं हो सका है. फिर भी जनता उम्मीदों में जीने की आदि हो चुकी है और जनता को उम्मीद है कि एक वर्ष गुजर गया तो क्या हुआ, अभी इस बोर्ड के लिए कई वर्ष और बचे हुए हैं. बोर्ड के लोग चाहेंगे तो निश्चित रुप से शहर की सड़कें जो जगह-जगह पीसीसी कर अधूरी पड़ी है, वे पूरी होंगी. जलापूर्ति का पाइप लाइन हर मोहल्ले में पहुंचेगा. लोगों को पीने के लिए पानी आसानी से उपलब्ध हो सकेगा. रोशनी की व्यवस्था होगी.

सफाई के इंतजाम धरातल पर होंगे. शहरी क्षेत्र से अतिक्रमण हटेगा और सड़कें चौड़ी होंगी. ठोस कचरा प्रबंधन के नाम पर जो जमीन खरीदी गयी है, उसका सार्थक उपयोग होगा. शहर में बस पड़ाव का निर्माण होगा. बाइपास सड़क की व्यवस्था की जायेगी, ताकि आये दिन शहर में सड़क जाम से लोगों को मुक्ति मिलेगी. जलनिकासी की मुक्कमल व्यवस्था हो सकेगी और जल जमाव से लोगों को मुक्ति मिलेगी. आइएचएसडीपी के 1623 आवासों का निर्माण कार्य पूरा हो सकेगा. नगर पर्षद क्षेत्र में जो वषों से अधूरी पड़ी योजनाएं हैं, वे पूरी करायी जायेगी. इसके अलावे चुनाव में बोर्ड के लोगों ने जो जो वादे कि ये थे वे सारे पूरे होंगे.

हालांकि अब तक एक वर्ष बीत जाने के बाद भी व्यवस्था में किसी प्रकार का कोई खास बदलाव नहीं देखा जा रहा है. समस्याएं तो ज्यों की त्यों खड़ी हैं. जब वार्ड पार्षदों से मुहल्ले वासी पूछते हैं कि वार्ड में विकास के न तो कोई काम हो रहे हैं और न ही सफाई की ही कोई मुक्कमल व्यवस्था है. इस पर अधिकांश वार्ड पार्षदों का कहना है कि नगर पालिका से उन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है, जिसके कारण वे लोग अपने वादे को पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

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