हल्की बारिश भी नहीं झेल सका पेशरार सड़क पर बनाया गया गार्डवाल

लोहरदगा से पेशरार तक सड़क निर्माण का कार्य 77 करोड़ की लागत से पथ निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है लोहरदगा : पेशरार एक्शन प्लान के तहत पेशरार प्रखंड क्षेत्र में विकास योजनाएं चलायी जा रही है. पेशरार क्षेत्र के लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई कार्य भी किये जा रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2018 4:23 AM

लोहरदगा से पेशरार तक सड़क निर्माण का कार्य 77 करोड़ की लागत से पथ निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है

लोहरदगा : पेशरार एक्शन प्लान के तहत पेशरार प्रखंड क्षेत्र में विकास योजनाएं चलायी जा रही है. पेशरार क्षेत्र के लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई कार्य भी किये जा रहे हैं. लोहरदगा से पेशरार तक सड़क निर्माण का कार्य 77 करोड़ रुपये की लागत से पथ निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है. सड़क निर्माण का कार्य शिवालया कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा कराया जा रहा है. लेकिन कंपनी द्वारा इतना घटिया कार्य कराया जा रहा है कि हल्की बारिश भी निर्माण कार्य बर्दास्त नहीं कर पाया है और ध्वस्त हो गया. सड़क निर्माण के साथ-साथ पुलों और गार्डवाल का भी निर्माण किया जा रहा है़
लेकिन इस निर्माण कार्य में गुणवता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. निर्माण कार्य में नदी का बालू और बिना साइज के पत्थर लगाये गये हैं. जिसके कारण हल्की बारिश में ही सड़क के किनारे बनाया गया गार्डवाल ध्वस्त हो गया. ज्ञात हो कि इस क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोग बुनियादी सुविधाओं से लंबे समय से महरूम थे. इस क्षेत्र में कभी उग्रवादियों का बोल-बाला हुआ करता था. लोगों को सुविधा देने तथा उग्रवाद के खात्मा के लिए पेशरार एक्शन प्लान के तहत काम शुरू किया गया.
लेकिन यह भी विभागीय लापरवाही और निर्माण करनेवाली कंपनी की मिलीभगत के कारण सही तरीके से नहीं बन पा रहा है. इस क्षेत्र के लोग बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं. किसी तरह जंगलों के बीच संक्रिन रास्ते से जिला मुख्यालय पहुंचने वाले पेशरार क्षेत्र के लोगों में सड़क निर्माण सहित अन्य विकास योजनाओं के संचालित होने से खुशी थी.
लेकिन हल्की बारिश में क्षतिग्रस्त पुलो व ध्वस्त पुलो और गार्डवालो को देख कर उनकी खुशी पर पानी फिर गया. क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हल्की बारिश में ही पुल और गार्डवाल ध्वस्त हो रहे हैं. इससे इसकी मजबूती का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि बरसात के समय यह सड़क जान लेवा साबित हो सकता है. यदि गार्डवालों और पुलों का निर्माण सही तरीके से नहीं कराया गया तो क्षेत्र के विकास में ग्रहण लग जायेगा और पेशरार क्षेत्र का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा़

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