लोहरदगा : सिजेरियन से नहीं हो रहा प्रसव

हाल कुड़ू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का अमित कुमार राज कुड़ू (लोहरदगा) : प्रखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है. अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र एएनएम के भरोसे है. कुड़ू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संस्थागत प्रसव का हाल बेहाल है. सिजेरियन से प्रसव की सुविधा कुड़ू में बंद कर दी गयी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2018 1:24 PM
हाल कुड़ू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का
अमित कुमार राज
कुड़ू (लोहरदगा) : प्रखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है. अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र एएनएम के भरोसे है. कुड़ू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संस्थागत प्रसव का हाल बेहाल है. सिजेरियन से प्रसव की सुविधा कुड़ू में बंद कर दी गयी है.
चिकित्सकों की कमी के बावजूद सिविल सर्जन ने कुड़ू के दो महिला चिकित्सकों को कुड़ू से बाहर प्रतिनियुक्त कर दिया है. नतीजा स्वास्थ्य सेवा का बेहाल हो गया है. ओपीडी सेवा, इंमरजेंसी सेवा देखने में चिकित्सकों के पसीने छूट रहे हैं. संस्थागत प्रसव बेपटरी होने के कगार पर पहुंच गया है.
प्रसव के लिए कुड़ू पहुंच रही महिलाओं को थोड़ी सी परेशानी देख लोहरदगा सदर अस्पताल या फिर रांची रिम्स रेफर कर दिया जा रहा है. बताया जाता है कि कुड़ू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी समेत चिकित्सकों के सात पद सृजित किया गया, जबकि छह कार्यरत है. इनमें प्रभारी सुलामी होरो, डॉ ओमप्रकाश गुप्ता, मंजु गुप्ता, राजमोहन खलखो, मर्सा टोपणो तथा निरूपमा कार्यरत है.
एक चिकित्सक का पद खाली है. चिकित्सक की कमी के बावजूद सिविल सर्जन लोहरदगा के आदेश पर डॉ मर्सा टोपनो को लोहरदगा सदर अस्पताल तथा निरूपमा को भंडरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रतिनियुक्त किया गया . डॉ मर्सा टोपणो गायेनिक विशेषज्ञ मानी जाती है .संस्थागत प्रसव से लेकर सिजेरियन ऑपरेशन से प्रसव कराने की विशेषज्ञ चिकित्सक है. कुड़ू में मर्सा टोपनो ने सिजेरियन ऑपरेशन का शुभारंभ किया था.
कुड़ू प्रखंड मे प्रतिमाह लगभग 160 तथा कुड़ू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अकेले लगभग 70 से 75 संस्थागत प्रसव होते हैं. मर्सा टोपनो के लोहरदगा सदर अस्पताल जाने के बाद मरीजों की संख्या मे कमी आयी है. इसका मूल कारण यह है कि कुड़ू पहुंचे महिला मरीज संस्थागत प्रसव के लिए रांची, लोहरदगा रेफर करना लाचारी बन गयी है.

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