नेत्रहीन सुखमनिया को नहीं मिल रहा सरकारी लाभ, सुखमनिया के पति राणा नगेसिया का छह वर्ष पूर्व हो गया है निधन

लोहरदगा : एक ओर सरकार सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति पर बैठे लोगों को देने की ढोल पीट रही है. वहीं दूसरी ओर योजनाओं के वास्तविक हकदार लाभ से वंचित है. पेशरार प्रखंड के केकरांग की रहनेवाली 35 वर्षीय सुखमनिया नगेसिया देख नहीं पाती है. सुखमनिया के पति राणा नगेसिया का निधन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2018 12:51 AM
लोहरदगा : एक ओर सरकार सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति पर बैठे लोगों को देने की ढोल पीट रही है. वहीं दूसरी ओर योजनाओं के वास्तविक हकदार लाभ से वंचित है. पेशरार प्रखंड के केकरांग की रहनेवाली 35 वर्षीय सुखमनिया नगेसिया देख नहीं पाती है. सुखमनिया के पति राणा नगेसिया का निधन छह वर्ष पूर्व हो गया है.
पति के निधन के बाद सुखमनिया का संसार अंधेरे में खो गया. एक तो वह दृष्टि विहिन ऊपर से सरकारी अमला की उपेक्षात्मक रवैया उसे दर-दर की ठोकरें खाने को विवश कर रहा है. सुखमनिया बताती है कि न तो उसके पास राशन कार्ड है और न ही स्वामी विवेकानंद योजना का लाभ उसे मिला है. उसका कहना है कि उसके पंचायत के मुखिया अरविंद उरांव के पास उसने कई बार फरियाद की, लेकिन उसने उसकी कोई मदद नहीं की. सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित सुखमनिया को लोग दया आने पर कुछ दे देते है, तो खा लेती है,नहीं तो भूखे पेट सोना उसकी आदत सी बन गयी है.
आसपास के लोग बताते है कि ओनेगडा के मुखिया उसके मामा लगते है, लेकिन वे भी उसकी मदद नहीं करते है. सुखमनिया नेत्रहीन होने के बावजूद सड़क किनारे एक झोपड़ी में चलनेवाले एक होटल में किसी तरह पानी भर कर कुछ भोजन का जुगाड़ कर लेती है. जब दुकान बंद रहती है, तो उसे दूसरे के दया माया पर निर्भर रहना पड़ता है.
यह विडंबना ही कही जायेगी कि जिस व्यक्ति को स्वामी विवेकानंद निश्कत योजना का लाभ मिलना चाहिए. वह उस लाभ से वंचित है और सरकारी महकमे के लोग आंख रहते उसे नहीं देख पा रहे है. इस संबंध में जिले के एक वरीय पदाधिकारी से पूछने पर उन्होंने कहा कि इसकी पड़ताल करायी जायेगी. यदि उसे सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है, तो अविलंब दिया जायेगा.

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