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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए लाभकारी

लोहरदगा : बीमित किसानों के लिए जिलास्तरीय प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की रबी फसल 2018 के सफल क्रियान्वयन के लिए एकदिवसीय कार्यशाला टॉउन हॉल में लगायी गयी. उद्घाटन डॉ शंकर कुमार सिंह व कार्यक्रम समन्वयक कृषि विज्ञान केंद्र ने किया. मौके पर डाॅ शंकर कुमार सिंह ने कहा कि जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना […]

लोहरदगा : बीमित किसानों के लिए जिलास्तरीय प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की रबी फसल 2018 के सफल क्रियान्वयन के लिए एकदिवसीय कार्यशाला टॉउन हॉल में लगायी गयी. उद्घाटन डॉ शंकर कुमार सिंह व कार्यक्रम समन्वयक कृषि विज्ञान केंद्र ने किया. मौके पर डाॅ शंकर कुमार सिंह ने कहा कि जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत रबी फसल 2018 में गेहूं, चना, सरसों व आलू की फसल बीमा के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड कार्यकारी अभिकरण का चयन किया गया है.
योजना का मुख्य उद्देश्य फसलों के गैर निरोधी जोखिम से नुकसान होने पर किसानों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना, उनके आय को स्थिर कर नयी तकनीक को अपनाये जाने के लिए उन्हें प्रेरित करना व कृषि में साख को बढ़वा देना आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक बताया. जिला सहकारिता पदाधिकारी रामकुमार ने कहा कि गेहूं, चना, सरसों राय व आलू का बीमा कराने की अवधि एक अक्तूबर से 31 दिसंबर तक है.
बीमा प्रीमियम व बीमित राशि का भुगतान तभी हो सकता है, जब किसान बीमा योग्य भूमि का नवीनतम राजस्व रसीद वंशावली सहित अथवा भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र की स्व हस्ताक्षरित छाया प्रति व विहित प्रपत्र में मुखिया द्वारा अनुशांसित घोषणा पत्र जमा करेगा. किसानों को बैंक में संबंधित विवरणी के साथ कृषक खाता संख्या, बैंक व शाखा का नाम, पता व आइएफएससी कोड समेत आधार कार्ड संख्या और अन्य उल्लेख प्रस्ताव पत्र अपने साथ रखना आवश्यक है.
दावा भुगतान राशि सीधे लाभुक किसान के खाते में भेज दी जायेगी. योजना के प्रावधानों के अनुसार क्षतिपूर्ति की गणना थ्रेश होल्ड उपज व अर्थ व सांख्यिकी निदेशालय द्वारा प्रस्तुत किये गये. बीमित फसल का वास्तविक उत्पादन आंकड़ों के आधार पर किया जायेगा. बीमा कराने हेतु किसान अपने पंचायत के लैंपस अध्यक्ष से संपर्क कर सकते है. उनके दो पृष्ठीय बीमा का फार्म निःशुल्क प्राप्त होता है. फार्म भर कर उपर्युक्त प्रीमियम की राशि अध्यक्ष के पास जमा कर रसीद प्राप्त करना जरूरी है.
लैंपस अध्यक्ष से प्राप्त रसीद का सुरक्षा स्वयं करें और किसी भी स्थिति में नुकसान होने पर लैंपस को जानकारी दें. साथ ही लैंपस में राशि व आवेदन जमा करें. एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के उप प्रबंधक पलोकी टुडू ने कहा कि गेहूं की बुआई नहीं होने पर पंचायत के 75 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रफल पर अल्प वृष्टि या अन्य मौसम कारकों के विपरीत प्रभाव के कारण गेहूं की बुआई 19 दिसंबर तक नहीं होने की स्थिति में बीमित राशि का 25 प्रतिशत तक क्षतिपूर्ति दी जाती है.
फसल अवधि में नुकसान होने पर 28 फरवरी तक बाढ़, लंबी अवधि के सूखे की दशा, भयंकर सूखा आदि होने की स्थिति में संभावित उपज औसत उपज के 50 प्रतिशत से कम होने पर संभावित क्षतिपूर्ति के 25 प्रतिशत तक दावा राशि का भुगतान आकलन के तुरंत बाद व शेष राशि का भुगतान फसल इकाई के वास्तविक क्षति के आधार पर किया जायेगा.
स्थानीय आपदा से क्षति होने पर ओलावृष्टि, भूस्खलन व जल प्लावन से बीमित इकाई के 25 प्रतिशत से अधिक इकाई क्षेत्र में हानि होने की स्थिति में 48 घंटे के अंदर प्रभावित किसानों द्वारा सूचित किये जाने पर लैंपस जांचोपरांत उस इकाई के सभी बीमित व प्रभावित किसानों को 25 प्रतिशत से कम इकाई क्षेत्र में हानि पर प्रभावित किसानों के व्यक्तिगत क्षति का आकलन कर क्षतिपूर्ति होगी.
फसल कटाई के उपरांत क्षति होने पर गेहूं, चना, सरसों व आलू के सफल की कटाई की अवधि में फसल कटनी से 14 दिनों तक खेत में सुखाने के लिए फैला कर रखे हुए फसल के चक्रवाती या बेमौसमी बारिश से बीमित इकाई के 25 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में हानि होने के 48 घंटे के अंदर प्रभावित किसानों द्वारा सूचित किये जाने पर लैंपस जांचोपरांत सभी बीमित व प्रभावित किसानों को व 25 प्रतिशत से कम क्षेत्र में हानि पर प्रभावित किसानों के व्यक्तिगत क्षति का आकलन कर क्षतिपूर्ति देना आवश्यक है.
कार्यक्रम में जिला सहकारिता पदाधिकारी रामकुमार प्रसाद, उपप्रबंधक एग्रीकल्चर इंसोयरेंस कंपनी रांची पलोकी कुमारी टूडू, गव्य विकास पदाधिकारी त्रिदेव मंडल, पशुपालन पदाधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र समन्वयक, डीडीएम नाबार्ड, कार्यपालक अभियंता चंदन कुमार, आंकाक्षी पदाधिकारी श्वेता तिवारी व वरुण शर्मा समेत अन्य कृषि पदाधिकरी, सभी प्रखंडों के बीटीएम, एटीएम, कृषक मित्र, सभी प्रखंडों के लैंपस अध्यक्ष व लाभुक किसान उपस्थित थे.

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