लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज
लोहरदगा : लोहरदगा जिला में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. हालांकि अभी तक किसी भी राजनीतिक दल के द्वारा उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गयी है. लेकिन चुनाव लड़ने के लिए संभावित लोग दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं. संगठन की मजबूती और लोकतांत्रिक पद्धति का राग अलापनेवाले लोग दिल्ली […]
लोहरदगा : लोहरदगा जिला में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. हालांकि अभी तक किसी भी राजनीतिक दल के द्वारा उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गयी है. लेकिन चुनाव लड़ने के लिए संभावित लोग दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं. संगठन की मजबूती और लोकतांत्रिक पद्धति का राग अलापनेवाले लोग दिल्ली दरबार में खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित करने में रात दिन एक किये हुए हैं. दिल्ली में शह मात का खेल जारी है.
आलाकमान की नजरे-ए- इनायत किस पर होती है, ये किसी को मालूम नहीं है. लोहरदगा लोकसभा सीट पर दोनों दल जीत का दावा कर रहे हैं. सभी का कहना है कि आलाकमान एक मौका तो दे कर देखे सीट निकालकर देंगे. लेकिन आलाकमान को सबकी हैसियत का अंदाजा है और यही करण है कि अब तक किसी के नाम की घोषणा नहीं हुई है. हालांकि दोनो पार्टीयों में अंतर्कलह इतना ज्यादा है कि अपने ही लोग अपने ही उम्मीदवार को हराने के लिए काफी होंगे. विपक्ष की कोई खास जरूरत नही पड़ेगी.
कार्यकर्ता असमंजस की स्थिति में हैं. उन्हें तो संगठन की मजबूती का पाठ पढाया गया है और उनका कहना है कि पार्टी जिसे टिकट दे, वे लोग उसके लिए ही काम करेंगे. व्यक्ति नहीं, दल महत्वपूर्ण है. निष्ठावान कार्यकर्ताओं से भी पूछने पर वे उम्मीदवार का नाम नहीं बता पा रहे है. टिकट को लेकर दो पूर्व पुलिस अधिकारी जहां टिकट के लिए एडी चोटी एक किये हुए है. सभी दिल्ली दरबार में अपनी स्वच्छ छवि एवं कर्मठता को प्रदर्शित करने में लगे हैं.
जिसका कद जितना ज्यादा बड़ा है, उसके पैरबीकार भी उतने ही मजबूत हैं. किसी ने चुनाव का पूरा खर्च वहन करने का लिखित आश्वासन दिया है, तो किसी ने एक सीट के एवज में दो अन्य सीट भी जिताने का दावा किया है, तो कोई जिलाध्यक्ष की अनुशंशा से ही खुद को भविष्य का सांसद समझ रहा है. शहर के चौक चौराहो से लेकर गांव के चौपालो तक अभी उम्मीदवार को लेकर ही चर्चा हो रही है.