लोहरदगा संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन भगत और प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सुखदेव भगत से प्रभात खबर ने क्षेत्र की जनता और उनकी समस्याओं से जुड़े चार सवाल किये. यह जानने का प्रयास किया गया कि एक ही मुद्दे पर इनकी राय क्या है. कौन प्रत्याशी क्षेत्र की समस्याओं और उनके निदान पर क्या सोच रखता है. सभी सवालों का दोनों प्रत्याशियों ने बखूबी जवाब दिया और क्षेत्र की जनता की जरूरतों के अनुसार काम करने के अपने विजन बताये.
1 जनता आपको क्यों चुने?
2 आप दूसरे प्रत्याशी से किस मायने में अलग हैं?
3 आपकी प्राथमिकता क्या होगी?
4 ऐसा आप क्या नया करेंगे जो अभी तक आपके क्षेत्र में नहीं हुआ?
जीते तो क्षेत्र की तकदीर व तसवीर बदल देंगे : सुदर्शन
1. मैं घर का बेटा हूं और घर के बेटे की तरह काम करता हूं. जिस प्रकार हमारी सरकार ने विकास के लिए काम किया है. मैं हमेशा क्षेत्र के लोगों की समस्या को दूर करने के साथ-साथ जनता के सुख-दुख में भी भागी बना हूं. इसलिए आशा है कि लोकसभा क्षेत्र की जनता तीसरी बार मुझे चुनाव जीता कर दिल्ली भेजने का काम करेगी.
2. मैं खुद अपने बारे में ज्यादा बोल नहीं सकता. जनता मेरे बारे में सब कुछ जानती है. क्योंकि मैं उनके बीच अक्सर रहता हूं. मैं दूसरे दलों के प्रत्याशी से अपनी कोई तुलना नहीं करना चाहता हूं. मैं सिर्फ विकास के कार्य में लगा रहता हूं. जनता की समस्या ही मेरी समस्या है. मैं क्षेत्र में रहता हूं. मैं अपने आप में एक बात अच्छा महसूस करता हूं कि जो भी मेरे पास आते हैं. मैं उनकी बात सुनता हूं.
3. लोहरदगा का विकास करना मेरी प्राथमिकता होगी. दो बार सांसद रहने के दौरान जनता के आशीर्वाद से मैं नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के पद पर काम कर चुका हूं. मैंने सांसद रहते हुए क्षेत्र के चाहे वह सड़क की समस्या हो या फिर शिक्षा के क्षेत्र की समस्या, मैंने काम किया है.
लोगों को रोजगार से जुड़ने के लिए स्किल डेवलपमेंट की दिशा में काफी तेजी से काम किया गया है. मेरे प्रयास से रांची से राउरकेला रेल खंड डबल लाइन हो गया है. जशपुर से गोविंदपुर, डुमरी महुआडांड़ तक की सड़क को एनएच का दर्जा दिया गया हैं. लोहरदगा रेल लाइन को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक लाइन से जोड़ दिया गया है. अब गुमला को रेल लाइन से जोड़ने व बाइपास सड़क को बनवाने का काम किया जायेगा.
4. हमारी सरकार ने सभी क्षेत्र में काम किया है. बावजूद मैं मानता हूं कि अपने गृह क्षेत्र में स्वास्थ्य की दिशा में काम करने की जरूरत है.
पांचवीं अनुसूची के प्रावधान लागू करायेंगे : सुखदेव
1. मैं इस क्षेत्र की जनता का संसद में आवाज बन सकूं. सीएनटी-एसपीटी एक्ट में छेड़छाड़ बंद करने के लिए जमीन आदिवासी का सुरक्षा कवच है. माइनोरिटी के अंदर जो असुरक्षा की भावना को दूर करने के लिए एक तरफ गांधीवादी के विचार की सोच है. एक तरफ गांधीवादी सोच की हत्या करनेवाली सरकार है. कांग्रेस पार्टी संविधान के अनुसार कार्य करेगी. हम जनता की भावनाओं के साथ हैं. चाहे आंदोलन के माध्यम से या विधानसभा के माध्यम से, हमने जनता को अपने साथ जोड़ कर रखा है.
2. एक प्रतिनिधि का जो दायित्व बोध होता है, उसकी सुदर्शन भगत में घोर कमी है. केंद्र और राज्य में उनकी सरकार होने के बावजूद भी स्थानीय समस्याओं के निदान को लेकर उदासीन रहे. और वहीं पर मैं संघर्षरत रहा हूं. मैं हमेशा जनता के साथ जुड़ा रहा हूं.
3. यह क्षेत्र पांचवीं अनुसूची के तहत आता है. उनके प्रावधानों को लागू कराना प्राथमिकता होगी. आदिवासियों की एक चिर-परिचित मांग है, उनकी धार्मिक आस्था है सरना कोड लागू कराया जाये. रोड की कनेक्टिविटी हो, तकनीकी संस्थान की स्थापना, स्वास्थ व्यवस्था दुरुस्त करना, महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जायेगा. एक औपचारिकता नहीं, बल्कि धरातल पर काम, पलायन पर अंकुश और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है.
4. किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए आवागमन की सुविधा बहुत मायने रखती है. लोहरदगा-गुमला-कोरबा रेलवे लाइन का निर्माण, सिंचाई के साधन विकसित करना, डहरबाटी, सीसी कतरी को विकसित करना, तकनीकी संस्थानों की स्थापना हो, ताकि बेहतर एवं उच्च शिक्षा यहीं उपलब्ध हो सके. लोगों को तकनीकी पढ़ाई के लिए बाहर न जाना पड़े, महिलाओं के लिए भी तकनीकी शिक्षण संस्थान की स्थापना.