गोपी कुंवर, लोहरदगा
डीडीसी के तानासाही रवैया के कारण आज जिला परिषद कार्यालय रणक्षेत्र नजर आया. जैसा कि देखा गया कि जनता की समस्याओं को लेकर जिला परिषद अध्यक्ष एवं सदस्यगण मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी से मिलना चाह रहे थे. अध्यक्ष ने कॉल किया कॉल रिसीव नहीं होने के कारण आधा घंटा इंतजार के बाद अध्यक्ष एवं सभी सदस्य डीडीसी से मिलने उनके कार्यालय में गये.
सभी को 20 मिनट तक बाहर खड़ा रखा गया. इंतजार करने के बाद सभी सदस्य एवं अध्यक्ष कार्यालय के अंदर चले गये. तभी डीडीसी कुर्सी से उठ गयीं और बाहर निकल गयीं ये कहते हुए के आपलोग यहां रहिए या हम रहेंगे, आपलोग के साथ हमें कोई बात नहीं करनी है. अध्यक्ष ने कहा कि आप ऐसा क्यों बोल रही हैं, आप को ऐसा नहीं बोलना चाहिए. तभी डीडीसी ने कहा कि ज्यादा मत बोलिये नहीं तो केस दर्ज कर देगें.
बाहर बहुत देर तक हंगामा होता रहा, तभी डीडीसी अपने कार्यालय में वापस चली गयीं. इसी बीच जिला परिषद उपाध्यक्ष भी पहुंचे और मामला को समझते हुए फिर से मिलने के लिए डीडीसी को सभी सदस्यों का नाम लिखकर भिजवाया गया. डीडीसी ने मिलने से इनकार कर दिया. सभी सदस्य कार्यालय के गेट पर धरना पर बैठ गये और डीडीसी मुर्दाबाद, तानाशाही रवैया नहीं चलेगा, संवैधानिक अधिकार का हनन बंद करो का नारा लगाने लगे.
उसके बाद अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं सभी सदस्य – विनोद सिंह खेरवार, रामलखन प्रसाद, बिरजमुनी उरांव, पूनम मिंज, सारी वस्तु-स्थिति की मौखिक जानकारी देने के लिए उपायुक्त आकांक्षा रंजन के पास गये..