विधानसभा चुनाव 2019 : बाइपास सड़क के लिए तरस रहा लोहरदगा
लोहरदगा : झारखंड बनने के 19 वर्षों बाद भी लोहरदगा में बाइपास सड़क का निर्माण नहीं हो सका. राज्य में लोहरदगा ही एक ऐसा जिला है, जहां कोई बाइपास सड़क नहीं है. मुख्य पथ से ही छोटे-बड़े सभी वाहनो का परिचालन होता है. इस कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती है. सडक जाम की समस्या यहां […]
लोहरदगा : झारखंड बनने के 19 वर्षों बाद भी लोहरदगा में बाइपास सड़क का निर्माण नहीं हो सका. राज्य में लोहरदगा ही एक ऐसा जिला है, जहां कोई बाइपास सड़क नहीं है. मुख्य पथ से ही छोटे-बड़े सभी वाहनो का परिचालन होता है. इस कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती है. सडक जाम की समस्या यहां आम है. बाइपास सड़क निर्माण को लेकर लोगों ने अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगायी, लेकिन कोई लाभ नही हुआ.
अजय प्रजापति का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की उदासीनता एवं लापरवाही के कारण लोहरदगा में बाइपास सड़क नही बनी. सुनील भगत का कहना है कि यहां के जनप्रतिनिधि अपनी झोली भरने में लगे हैं, उन्हें जनहित के मुद्दे से लेना-देना नहीं है.
जनप्रतिनिधि ने कहा
बाइपास सड़क निर्माण के लिए विधानसभा में आवाज भी उठायी, लेकिन इसके लिए सरकार ने राशि उपलब्ध नहीं करायी.
सुखदेव भगत, विधायक.
संवेदक और सरकार की लड़ाई में अधूरा रह गया सड़क का िनर्माण
लोहरदगा के लिए 2005 में एक करोड़ पांच लाख रुपये की लागत से ओएना टोंगरी से गांगू पारा तक सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृती मिली थी.
संवेदक द्वारा निर्माण कार्य शुरू कर मिट्टी मोरम का काम भी कर दिया गया. पुल निर्माण एवं गार्ड वॉल निर्माण का कार्य भी कुछ हो जाने के बाद पुलिया निर्माण की चौड़ाई एवं लंबाई को लेकर संवेदक एवं विभाग के बीच विवाद हो गया. विवाद के बाद संवेदक मामले को लेकर हाइकोर्ट चला गया, जिसके बाद निर्माण कार्य बंद हो गया.बाइपास सड़क नहीं होने से असमय लोग काल के गाल में समा रहे हैं.
सुदेश गुप्ता, सामाजिक कार्यकर्ता
19 वर्षों में एक बाइपास सड़क का नहीं बनना बहुत दुख की बात है.
स्नेह कुमार, प्रिंसिपल, महिला कॉलेज
बाइपास सड़क नहीं बनने से यहां विकास की गति धीमी हो गयी है.
धर्मेंद्र कुमार, ट्रक ओनर्स एसोसिएशन.