न पैन लगा है, न ही दरवाजे, और पंचायत ही नहीं पूरा जिला घोषित हो चुका है ओडीएफ

कुड़ू/लोहरदगा : लोहरदगा जिले को दो साल पहले खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है. इतना ही नहीं कुड़ू प्रखंड की सलगी पंचायत को जिले में सबसे पहले खुले में शौच मुक्त पंचायत घोषित किया गया था. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती है. कुड़ू प्रखंड की सलगी पंचायत के हरिजन टोला, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2019 1:14 AM

कुड़ू/लोहरदगा : लोहरदगा जिले को दो साल पहले खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है. इतना ही नहीं कुड़ू प्रखंड की सलगी पंचायत को जिले में सबसे पहले खुले में शौच मुक्त पंचायत घोषित किया गया था. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती है. कुड़ू प्रखंड की सलगी पंचायत के हरिजन टोला, मसियातू का हाल बेहाल है. मसियातू गांव में 76 परिवार रहते हैं सभी तुरी जाति के हैं.

बेस लाइन सर्वे के अनुसार सभी के घरों में शौचालय बनाते हुए गांव को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया. जमीनी हकीकत यह है कि पांच शौचालय धवस्त हो गए हैं. एक दर्जन शौचालयों में न तो दरवाजा लगा है, न ही छप्पर. कई शौचालयों में पैन भी नहीं है. इतना ही नहीं कुछ शौचालयों के साथ बनी टंकी में ढक्कन भी नहीं है. नतीजा शौचालय बेकार पड़े हैं. मसियातू के लोग आज भी खुले में शौच जाते हैं. शौचालय के लिए बने कमरे में पुआल, लकड़ी समेत घरेलू उपयोग के सामान रखा जाता है.

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