बादल व बूंदा-बांदी से बढ़ी ठंड
लोहरदगा : जिले में दोपहर बाद मौसम का मिजाज बदला. सुबह से आसमान में छाये बादल के बाद दोपहर में बूंदा-बांदी हुई. इस बूंदा-बांदी से तापमान में गिरावट आयी है और ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. इस मौसम में हुई बारिश से जहां रवि फसलों को लाभ हुआ है. वहीं सब्जी की खेती को […]
लोहरदगा : जिले में दोपहर बाद मौसम का मिजाज बदला. सुबह से आसमान में छाये बादल के बाद दोपहर में बूंदा-बांदी हुई. इस बूंदा-बांदी से तापमान में गिरावट आयी है और ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. इस मौसम में हुई बारिश से जहां रवि फसलों को लाभ हुआ है. वहीं सब्जी की खेती को काफी नुकसान हुआ. शीतलहरी का प्रकोप शुरू होने से ठंड में इजाफा हुआ है.
लोग दिनभर अपने घरों में रहना पसंद किये़ जो लोग काम से अपने घरों से निकले थे. वे वर्षा के बाद ठिठुरते नजर आये. बढ़ते ठंड के बावजूद जिला प्रशासन ने न तो शहरी क्षेत्र और न ही ग्रामीण इलाकों ठंड से बचाव की कोई व्यवस्था की है. जिले में कहीं अलाव की व्यवस्था भी नहीं की गयी है.
जिसके कारण शाम होते ही चौक-चौराहों पर सन्नाटा पसर जा रहा है. अन्य वर्ष इस माह में कंबल का वितरण एवं अलाव की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा कर दी जाती थी. इस वर्ष अलाव की व्यवस्था एवं कंबल वितरण नहीं होने से असहाय एवं जरूरतमंदों के बीच समस्या उत्पन्न हो गयी है.
लोग किसी तरह ठंड से बचने का उपाय कर रहे हैं. इस माह में हुई बारिश से आम जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया है. दिहाड़ी मजदूरों,ठेला, खोमचा लगानेवालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इधर सुदूर ग्रामीण इलाकों में कनकनी हवा बहने से लोग परेशान हैं. ठंड में इजाफा होने से गो पालक किसानों की भी समस्या बढ़ गयी है. डेयरी चलानेवाले किसानों को अपने पशुओं को बचाने की चिंता सताने लगी है.
वहीं ग्रामीण इलाकों के किसान जो अन्य महीनों में अपने पशुओं को घर के बाहर बांधते थे. वे अपने साथ पालतू पशुओं को भी एक ही घर में रखने को मजबूर हैं. बुजुर्ग एवं असहाय जिला प्रशासन द्वारा वितरित किये जाने वाले गर्म कपड़े तथा अलाव की व्यवस्था के इंतजार में टकटकी लगाये हुए हैं.