स्कूल में नहीं होती है पढ़ाई शिक्षक भी आते हैं मनमर्जी

किस्को : पेशरार प्रखंड के बगड़ू पंचायत का आदिम जनजाति बहुल कोरगो गांव आज भी पानी, बिजली व सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. गांव के लोग सरकार द्वारा चलायी जा रही शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसी योजनाओं के बारे में नहीं जानते हैं. प्रखंड मुख्यालय से महज कुछ ही दूरी पर बसे इस गांव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2020 11:50 PM

किस्को : पेशरार प्रखंड के बगड़ू पंचायत का आदिम जनजाति बहुल कोरगो गांव आज भी पानी, बिजली व सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. गांव के लोग सरकार द्वारा चलायी जा रही शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसी योजनाओं के बारे में नहीं जानते हैं. प्रखंड मुख्यालय से महज कुछ ही दूरी पर बसे इस गांव को प्रकृति का वरदान प्राप्त है.

पहाड़ों से चारों तरफ घिरे इस गांव को प्रकृति ने बड़े अनुग्रह से सजाया व संवारा है. गांव के लोग प्रकृति से मिले इस वरदान के भरोसे जीवन गुजार रहे हैं. नगेसिया समेत अन्य आदिम जनजाति के लगभग 90 परिवार गांव में रहते हैं. एक हजार की आबादी वाले इस गांव में विकास के नाम पर मनरेगा के तहत सिर्फ एक कुआं में चापानल लगाया गया है. देश को आजाद 73 साल बीत गये. लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को विकास के नाम पर सिवाय छलावा के कुछ भी नहीं मिला है. गांव लोग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. गांव में 350 वोटर हैं, जिनकी याद चुनाव के वक्त राजनेताओं को आती है.

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