तीन आरोपियों को 10-10 साल सश्रम कारावास
अफीम सप्लाइ के तीनों आरोपियों को एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया लोहरदगा : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जुमनानी की अदालत ने अफीम सप्लाइ करने के आरोप में गुमला निवासी जगजीवन राम, बालेश्वर उरांव, सुधीर उरांव को नारकोटिक्स एक्ट की धारा 17 और 18 के तहत 10-10 साल का सश्रम कारावास और एक-एक […]
अफीम सप्लाइ के तीनों आरोपियों को एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया
लोहरदगा : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जुमनानी की अदालत ने अफीम सप्लाइ करने के आरोप में गुमला निवासी जगजीवन राम, बालेश्वर उरांव, सुधीर उरांव को नारकोटिक्स एक्ट की धारा 17 और 18 के तहत 10-10 साल का सश्रम कारावास और एक-एक लाख रुपये के जुर्माना की सजा सुनायी.
जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अलग से छह महीने के साधारण कारावास की सजा सुनायी है. घटना के बाबत बताया जाता है कि 25 जून 1917 को सेन्हा थाना प्रभारी जगरनाथ उरांव को गुप्त सूचना मिली थी की किसी छोटे चार पहिया वाहन से गुमला से घाघरा होते हुए रांची की तरफ अफीम लेकर तीन व्यक्ति जा रहे हैं.
सूचना के पश्चात थाना प्रभारी जगन्नाथ उरांव ने लोहरदगा जिला के सेन्हा थाना क्षेत्र के सिठियो पुल के पास सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाया. इसी क्रम में बोलेरो गाड़ी के चेकिंग के दौरान गाड़ी में रखा हुआ एक पैकेट में एक किलो वजन का अफीम बरामद हुआ. वाहन पर सवार तीनों व्यक्तियों से पूछताछ के बाद तीनों को जेल भेज दिया गया. कोर्ट के आदेश से जब्त अफीम को जांच के लिए लेबोरेट्ररी भेजा गया.
जहां लेबोरेट्ररी जांच के उपरांत जब्त पैकेट में रखा सामान मादक द्रव्य अफीम पाया गया. कोर्ट ने अफीम सप्लाइ करने वाले आरोपियों को गवाही के बाद उक्त सजा सुनाई. मुकदमें में पक्षकारों एवं गवाहों की सुनवाई के बाद तीनों आरोपियों को एनडीपीएस की धारा 17 एवं 18 के तहत दोषी पाते हुए 10-10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी. मुकदमे में सरकारी अधिवक्ता एसके सिन्हा एवं मिनी लफड़ा ने अपना अपना पक्ष रखा.