मुट्ठी भर लोगों ने लोहरदगा की शांति को भंग किया

लोहरदगा : लोहरदगा में सीएए के समर्थन में निकाला गया जुलूस शांति पूर्ण तरीके से चल रहा था. लेकिन अमला टोली पहुंचते ही सारा मामला बिगड़ गया. सड़क के किनारे खड़े 8,10,12 वर्ष के बच्चे अचानक पथराव शुरू कर दिये. उनके पीछे से बड़े लोग पेट्रोल बम फेंकने लगे. कई घरों से भी ईंट-पत्थर बरसने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2020 12:41 AM

लोहरदगा : लोहरदगा में सीएए के समर्थन में निकाला गया जुलूस शांति पूर्ण तरीके से चल रहा था. लेकिन अमला टोली पहुंचते ही सारा मामला बिगड़ गया. सड़क के किनारे खड़े 8,10,12 वर्ष के बच्चे अचानक पथराव शुरू कर दिये. उनके पीछे से बड़े लोग पेट्रोल बम फेंकने लगे. कई घरों से भी ईंट-पत्थर बरसने लगे.

पुलिस को एक समुदाय विशेष के लोगों ने भरोसा दिलाया था कि जुलूस इस इलाके से शांतिपूर्ण तरीके से गुजरेगा. कोई परेशानी नहीं होगी. लेकिन पल भर में ही सारा कुछ बदल गया. कई लोगों को गंभीर चोटें आयी़ जिनका इलाज सदर अस्पताल में हो रहा है. वहीं कई पुलिस कर्मियों को भी चोट पहुंची है.
कई महिलाओं को भी चोट लगी है. दर्जनों घरों को और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया. पुलिस इधर संभाल रही थी तो उपद्रवी दूसरी तरफ घटना को अंजाम दे रहे थे. हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल था. डीसी-एसपी दौड़-दौड़ कर स्थिति को काबू में करने का प्रयास कर रहे थे लेकिन स्थिति सुधरने के बजाये और बिगड़ती जा रही थी. लोगों को समझाया जा रहा था लेकिन उपद्रवी पुलिस पर भी पथराव कर रहे थे.
इस घटना की आशंका किसी को नहीं थी. कुछ लोगों ने पहले कई जगह चर्चा की थी कि सीएए के समर्थन में निकलने वाला जुलूस अमला टोली होकर नही जाने दिया जायेगा. पुलिस एक समुदाय विशेष के लोगों से रात के डेढ़ बजे तक चर्चा की थी. सब ने विश्वास दिलाया था कि कुछ नहीं होगा. सारा कुछ शांतिपूर्ण तरीके से निपट जायेगा. लेकिन अंदर ही अंदर एक अलग खिचड़ी पक रही थी. जिसका अंदेशा पुलिस को भी नहीं था.
जिले में 1992 में हुआ था दंगा : लोहरदगा में 1992 में दंगा हुआ था. उसके बाद से सभी लोग यहां मिल-जुल कर रह रहे थे. लेकिन इस बार सारी मर्यादा तोड़ दी गयी. अमला टोली के कुछ घरों और दुकानों के छत से लोग ईंट-पत्थर चला रहे थे. एसपी के कई अंगरक्षकों को भी चोट आयी है. विपिन सिंह नामक आरक्षी का माथा फट गया.
इसी तरह कई बॉडी गार्ड भी चोटिल हुए. खुद एसपी प्रियदर्शी आलोक उपद्रवियों के बीच पहुंच कर उन्हें खदेड़ा. इस घटना में उपद्रवियों के हमले से दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. 20 घर जला दिये गये. दर्जनों से ज्यादा दुकानों को जलाया गया. एक दर्जन से ज्यादा चार पहिया वाहन क्षतिग्रस्त किये गये. 100 से ज्यादा मोटरसाइकिले जला दिये गये. कई चार पहिया वाहन भी जलाये गये. इससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.

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