लोहरदगा : लोहरदगा में संशोधित कानून सीएए के समर्थन में निकले तिरंगा यात्रा के दौरान गुरुवार को पत्थरबाजी व आगजनी की घटना के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. तीन दिनों के बाद रविवार को प्रशासन द्वारा कर्फ्यू में दो घंटे की पहली ढील दी गयी थी आज भी शहर भर में दो घंटे की ढील दी गयी है.
सोमवार को प्रशासन की ओर से सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:00 तक कर्फ्यू में ढील दी गयी है. हालांकि शहर में धारा 144 अबतक लागू है. इस दौरान किसी भी परिस्थिति में चार व्यक्ति से अधिक एक साथ नही निकल सकते या चौक-चौराहों पर खड़े नही दिख सकते है. हालांकि आवश्यक वस्तु जैसे दवाई, राशन, दूध, सब्जी इत्यादि की अपने घरों से नजदीकी दुकान तक जाकर क्रय-विक्रय कर सकते हैं.
गौरतलब है कि लोहरदगा हिंसा के बाद रविवार को पहली बार कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी गयी थी. ये ढील पांच थाना क्षेत्र में दी गयी थी. ताकि लोग अपनी जरूरत का सामान खरीद पाएं और झंडोत्तोलन कर सकें.
लोहरदगा जिला प्रशासन की ओर से प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ढील सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक दी गयी थी. इस दौरान चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने और नारेबाजी करने की अनुमति नहीं थी. इस दैारान कहा गया था कि गणतंत्र दिवस मनाने को इच्छुक लोग ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय गान गा सकते है. इसके लिए 10 से अधिक लोगों को एकत्रित होने की अनुमति नहीं थी.
पिछले तीन दिन से लगे कर्फ्यू के बावजूद तिरंगा शान से लहराया. झंडोत्तोलन को लेकर जिले में कर्फ्यू में ढील दी गयी जिससे लोगों ने तिरंगे को सलामी दी. डीसी आकांक्षा रंजन ने झंडोतोलन किया. इस दौरान एसपी प्रियदर्शी आलोक सहित पुलिस के कई बड़े अधिकारी भी शामिल हुए. डीसी ने परेड की सलामी ली. झंडोत्तोलन के बाद पुनः कर्फ्यू टाईट कर दिया गया था.