कुडू (लोहरदगा) : लोहरदगा विधायक कमल किशोर भगत ने बताया कि विधायक बनने के बाद विधानसभा के पहल पर जनगणना कॉलम अलग से सरना आदिवासियों के लिए कोड डालने का मामला रखा था.
मामला विधानसभा में आने तथा कथित कांग्रेसी नेताओं ने दिल्ली जाकर पीएम एवं गृहमंत्री से मिलने की बात कही एवं लोहरदगा की जनता को आश्वासन दिये की सरना कोड लागू हो जायेगा. कांग्रेस अब लोहरदगा के आदिवासियों को बताये कि सरना कोड अब तक क्यों लागू नहीं हो पाया है.
विधायक श्री भगत ने कांग्रेसी नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार है. राज्य में राष्ट्रपति शासन है. परोक्ष रूप से राज्य में कांग्रेस शासन कर रही है. इस हालत में क्यों नहीं कांग्रेसी नेता राज्यपाल से मिल कर केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजने का अनुरोध क्यों नहीं करते हैं?
स्पष्ट है कांग्रेस प्रारंभ से आदिवासियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती आ रही है. कांग्रेस की नीयत सरना कोड लागू करने में साफ नहीं है. यही कारण है कि वर्तमान में आदिवासी 27 फीसदी से घट कर 23 फीसदी पर आ गये हैं.