अभियान अब बना आंदोलन
कैरो प्रखंड के गितिलगढ़ गांव से शुरू हुआ नशा उन्मूलन अभियान अब आंदोलन का रुप ले चुका है. ग्रामीण महिलाओं एवं महिला मंडल की सदस्यों द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन शहर में भी पहुंच चुका है. आंदोलन को ले सदर प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र हिरही गांव की महिलाओं ने उपनगरीय क्षेत्र पतरा टोली में […]
कैरो प्रखंड के गितिलगढ़ गांव से शुरू हुआ नशा उन्मूलन अभियान अब आंदोलन का रुप ले चुका है. ग्रामीण महिलाओं एवं महिला मंडल की सदस्यों द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन शहर में भी पहुंच चुका है. आंदोलन को ले सदर प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र हिरही गांव की महिलाओं ने उपनगरीय क्षेत्र पतरा टोली में शराब बंदी अभियान चलाया. महिलाओं ने दुकान में रखे महुआ को भी नष्ट कर दिया.
एक गांव की महिलाएं तीन गांव में अभियान चलायेंगी : नशा उन्मूलन आंदोलन चरणबद्ध तरीके से चलाया जा रहा है. इस अभियान में जुड़ी महिलाओं ने निर्धारित किया है कि एक गांव की महिलाएं तीन गांवों में अभियान चलायेंगी. इसके बाद अगले गांव की महिलाएं फिर तीन गांव में अभियान चला कर नशाबंदी एवं नशा के खिलाफ लोगों को जागरूक करेंगी. विभिन्न बाजार हाटों में भी शराब की बिक्री बंद कराने में महिलाएं पीछे नहीं हट रही हैं.
महिलाएं हुईं एकजुट, चलाया अभियान
भंडरा प्रखंड के हाटी गांव की महिलाओं ने कसपुर, कुम्हरिया, अंबा टोली, बिछियाटोली, पहाड़ टोली, नवा टोली में अभियान चला कर शराब बनाने के बरतन, दुकान में बिक रहे महुआ को सड़क पर फेंक दिया. इस अभियान में लगभग 1000 महिलाएं शामिल थी. आंदोलन से जुड़ी महिलाओं को कुम्हरिया गांव के एक दुकानदार से भी जूझना पड़ा. ये महिलाएं जब भुनेश्वर साहू के दुकान में रखा महुआ फें कने लगी तो दुकानदार एवं अन्य ग्रामीणों का विरोध इन्हें ङोलना पड़ा. परंपरागत हथियारों से लैस महिलाओं को उग्र होता देख दुकानदार वहां से खिसक गया. उसके बाद ग्रामीण भी चुप्पी साध लिये. अभियान में निकली महिलाओं ने लगभग 200 शराब बनाने का घड़ा, महुआ एवं प्रयोग में लाये जाने वाले बरतन को बरबाद कर दिया. सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के बरही बाजार में बेजबाली की महिलाओं ने शराब को नष्ट किया. साथ ही शराब पीनेवालों एवं बेचनेवालों को चेतावनी दी गयी कि शराब बेचे जाने पर एक हजार रुपये तथा पीनेवाले को आर्थिक एवं शारीरिक दंड दिया जायेगा.
सभी का मिल रहा है सहयोग
नशा उन्मूलन आंदोलन को जागरूक ग्रामीणों, पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग मिल रहा है. कई पंचायत मुखिया तो इस आंदोलन का नेतृत्व भी करने लगे हैं. केंद्रीय राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने भी महिलाओं को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है.