गड्ढे के पानी से कर रहे हैं सिंचाई
सेन्हा-लोहरदगा : सेन्हा प्रखंड के सेन्हा पंचायत के लोग कृषि पर निर्भर हैं. यहां के लोग रवी फसल, खरीफ फसल के अलावा सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. किंतु सिंचाई की सुविधा के अभाव में यहां के किसानों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. सिंचाई के लिए चेकडैम का निर्माण […]
सेन्हा-लोहरदगा : सेन्हा प्रखंड के सेन्हा पंचायत के लोग कृषि पर निर्भर हैं. यहां के लोग रवी फसल, खरीफ फसल के अलावा सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं.
किंतु सिंचाई की सुविधा के अभाव में यहां के किसानों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. सिंचाई के लिए चेकडैम का निर्माण कराया गया, लेकिन गलत स्थान पर निर्माण होने से किसानों को फायदा नहीं मिल रहा है. किसान वैकल्पिक व्यवस्था कर खेतों की सिंचाई कर रहे हैं.
किसान नदी-नालों में जेसीबी मशीन से गड्ढा खोद कर अपने खेतों की सिंचाई कर फसल का उत्पादन कर रहे हैं. सेन्हा निवासी अतिना देवी का कहना है कि क्षेत्र में चेकडैम का निर्माण करा दिया गया, लेकिन सही जगह नहीं होने के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
किसान देवठान यादव का कहना है कि योजना स्थल चयन से पहले किसानों के साथ बैठक कर योजना पारित की जाये, तो किसानों को इससे लाभ मिलेगा. किसान मोहसीन अंसारी का कहना है कि क्षेत्र के लोग किसानी पर ही निर्भर हैं. खरीफ फसल से परिवार चलाना मुश्किल है.
इस लिए हम लोग सब्जी उत्पादन में विशेष रुचि लेते हैं. लेकिन सिंचाई के अभाव में हम लोगों को बहुत परेशानी उठानी पड़ती है. किसान जहेंद्र उरांव का कहना है कि योजना चयन के पूर्व गांव में बैठक कर योजनाओं का चयन करना चाहिए. इससे क्षेत्र के किसान बैठक कर सही जगह का चयन के लिए अधिकारियों को सुझाव दे सकते हैं.
किसान रतिया उरांव का कहना है कि जिस जगह पानी का ठहराव नहीं रहता या फिर आसपास के खेतों में खेती नहीं होती है, वैसे स्थानों में करोड़ों रुपये की लागत से योजना पारित कर दी जाती है. जिसे आवश्यकता है उसे वैकल्पिक व्यवस्था के माध्यम से पानी की व्यवस्था करनी पड़नी है. किसान मने उरांव का कहना है कि सेन्हा क्षेत्र सब्जी उत्पादन के लिए मशहूर है. लेकिन सिंचाई सुविधा के नाम पर किसानों को कुछ नहीं दिया गया.