दो हजार परिवारों की रोजी-रोटी छिनी

* परेशान हैं बॉक्साइट ढुलाई करनेवाले ट्रक ऑनर* तीन सौ ट्रकों का परिचालन बंदलोहरदगा : बॉक्साइट नगरी के नाम से जाना जाने वाला लोहरदगा जिला के बॉक्साइट ट्रक मालिक, ट्रक ड्राइवर, खलासी एवं मजदूर गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. पाखर-रिचुघूटा पथ पर ट्रकों का परिचालन ठप है. लगभग 300 ट्रकों का परिचालन बंद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:51 PM

* परेशान हैं बॉक्साइट ढुलाई करनेवाले ट्रक ऑनर
* तीन सौ ट्रकों का परिचालन बंद
लोहरदगा : बॉक्साइट नगरी के नाम से जाना जाने वाला लोहरदगा जिला के बॉक्साइट ट्रक मालिक, ट्रक ड्राइवर, खलासी एवं मजदूर गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. पाखर-रिचुघूटा पथ पर ट्रकों का परिचालन ठप है.

लगभग 300 ट्रकों का परिचालन बंद होने से लगभग 2 हजार परिवार के समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. ट्रक ऑनरों का कहना है कि अंडर लोड में बॉक्साइट की ढुलाई करने पर कोई बचत नहीं होती है. ओवर लोड पर प्रशासन द्वारा फाइन किया जाता है. इस लिए ट्रक भाड़े में वृद्धि होनी चाहिए.

ज्ञात हो कि पिछले कुछ समय से इस क्षेत्र की तमाम निजी बॉक्साइट खदानें बंद पड़ी हैं. इसके कारण हजारों ट्रकों के पहिये थम गये हैं. ट्रक मालिक के साथ-साथ ट्रक ड्राइवर एवं मजदूर तथा बॉक्साइट माइंसों में काम करने वाले लोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.

* भाड़ा बढ़ाने की मांग कर रहे ट्रक मालिक
वर्तमान समय में सिर्फ हिंडालको कंपनी की खदानें ही चालू हैं. लेकिन अभी जिला प्रशासन द्वारा ओवर लोड पर रोक लगाने के बाद ट्रक मालिक परेशान हैं. ट्रक मालिकों का कहना है कि जब वे लोग अंडर लोड ट्रक चलायेंगे तो उन्हें घाटा होगा, क्योंकि कंपनी जो भाड़ा देती है उसमें बॉक्साइट की ढुलाई संभव नहीं हैं.

गुमला एवं लोहरदगा जिला के परिवहन विभाग द्वारा जब ओवर लोड ट्रकों को पकड़ा जाने लगा तो ट्रक मालिकों की परेशानी बढ़ गयी. एक बार फिर भाड़ा बढ़ाने की मांग की जाने लगी. बॉक्साइट की ढुलाई में लगे ट्रकों में से अधिकांश ट्रकें खड़ी हो गयी है.

* एसोसिएशन नहीं कर पा रहा समस्याओं का समाधान
जिले में ट्रक ऑनर एसोसिएशन के नाम पर कई संगठन हैं. ट्रक मालिकों के हित के नाम पर बनाये गये ट्रक यूनियन अब केवल अपने फायदे के बारे में सोचते हैं. इतने एसोसिएशन के बाद भी ट्रक मालिकों को उनके मनमुताबिक भाड़ा नहीं मिल पा रहा है. ट्रक ऑनर तरह-तरह की समस्याओं की बोझ से दबे हैं. लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान करने में कोई भी एसोसिएशन सफल नहीं हो पा रहा है.

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