सफर दो घंटे का, मुसीबत दुनिया भर की
भगवान भरोसे चल रही है प्रतिदिन चार फेरे लगानेवाली रांची-लोहरदगा (आरएल) ट्रेन गोपी लोहरदगा : इस क्षेत्र की लाइफ लाइन माने जाने वाली रांची- लोहरदगा (आरएल) यात्री ट्रेन भगवान भरोसे चल रही है. इस ट्रेन से प्रतिदिन हजारों लोग आना-जाना करते हैं. ट्रेन में सुरक्षा के नाम पर एक तक सिपाही नहीं रहता है. न […]
भगवान भरोसे चल रही है प्रतिदिन चार फेरे लगानेवाली रांची-लोहरदगा (आरएल) ट्रेन
गोपी
लोहरदगा : इस क्षेत्र की लाइफ लाइन माने जाने वाली रांची- लोहरदगा (आरएल) यात्री ट्रेन भगवान भरोसे चल रही है. इस ट्रेन से प्रतिदिन हजारों लोग आना-जाना करते हैं. ट्रेन में सुरक्षा के नाम पर एक तक सिपाही नहीं रहता है. न ही ट्रेन मे कोई टीटीइ ही होता है. प्रतिदिन यात्री ट्रेन रांची से सुबह 5.30 बजे खुलती है. यही ट्रेन लोहरदगा 7.35 बजे रांची जाती है.
ट्रेन पुन: रांची से 9.30 खुल कर फिर 12.35 बजे लोहरदगा से रांची जाती है. 2.30 बजे ट्रेन रांची से खुलती है और 4.35 बजे लोहरदगा से रांची जाती है. यह ट्रेन फिर 6.30 बजे रांची से चल कर 8.35 बजे लोहरदगा से रांची के लिए चली जाती है. प्रतिदिन यह ट्रेन चार बार रांची लोहरदगा आना-जाना करती है. ट्रेन में यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है.
लोहरदगा से भारी मात्र में सब्जियां रांची जाती है, लेकिन इसे बुक नहीं किया जाता है. सब्जी यात्री डिब्बे में ही भेजी जाती है. इससे रेलवे को राजस्व का नुकसान होता है. यात्री डब्बे में ही लोग साइकिल भी लाद देते हैं. रांची पहुंच कर साइकिल से अपने गंतव्य तक पहुंच जाते हैं. ट्रेन में टीटीइ नहीं होने के कारण अधिकतर लोग बिना टिकट सफर करते हैं. इससे भी रेलवे को नुकसान होता है.