ग्राम व नगरवासी, सभी भारतवासी

लोहरदगा : वनवासी कल्याण कें द्र परिसर में कल्याण आश्रम के संस्थापक वनयोगी बाला साहब देशपांडेय जी की जन्मशती समारोह धूमधाम से मनाया गया. मुख्य अतिथि सोमयाजुलु, विशिष्ट अतिथि प्रकाश कामत मणिराम पाल का परंपरागत स्वागत शबरी आश्रम की बालिकाओं ने किया. मुख्य अतिथि ने स्व बाला साहब देशपांडेय के चित्र पर पुष्प अर्पित कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2014 10:29 AM

लोहरदगा : वनवासी कल्याण कें द्र परिसर में कल्याण आश्रम के संस्थापक वनयोगी बाला साहब देशपांडेय जी की जन्मशती समारोह धूमधाम से मनाया गया. मुख्य अतिथि सोमयाजुलु, विशिष्ट अतिथि प्रकाश कामत मणिराम पाल का परंपरागत स्वागत शबरी आश्रम की बालिकाओं ने किया.

मुख्य अतिथि ने स्व बाला साहब देशपांडेय के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. मौके पर नागपुरिया कलाकार कुबेर भगत एवं अंशु देवी ने वंदना गीत प्रस्तुत किया. तत्पश्चात कैलाश उरांव ने मंचासीन अतिथियों का परिचय एवं स्वागत समिति के पदाधिकारियों ने बैज लगा कर तथा माला पहना कर स्वागत किय. कार्यक्रम के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण दिया. सत्येंद्र सिंह ने कार्यक्रम प्रस्तुत प्रस्तुत किया.

समारोह में प्रांत से 300 की संख्या में पूर्णकालिक, अंशकालिक तथा समिति के अधिकारी भाग लिये. लोहरदगा जिला से भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एवं स्वयं सहायता समूह के सदस्य भाग लिये. मौके पर सोमया जुलु ने कहा कि वनयोगी माला साहब वनवासी समाज को धर्म, संस्कृति को बचाने एवं सर्वागीण विकास शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कार, श्रद्धा जागरण एवं आर्थिक विकास के लिए सेवा क ा प्रकल्प चलाया एवं संपूर्ण भारत में निवास करने वाले वनवासी बंधुओं को संगठित करने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि देश भर में 13 हजार वनवासी ग्राम में 18,500 सेवा के प्रकल्प चलाये जा रहे हैं. आश्रम में अन्य राज्यों के बच्चों को भी शिक्षा दी जा रही है.

संपूर्ण देश में वनवासी बंधुओं में अपने सनातन धर्म परंपरा के प्रति जागृति हो रही है. संपूर्ण देश के वनवासी समाज संगठित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम बाला साहब देशपांडेय के संदेश कि तु मैं एक रक्त अर्थात नगर एवं ग्राम वनवासी सभी हैं, भारतवासी. इस कार्य को ध्यान में रख कर कार्य कर रहे हैं.

इन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाया : कार्यक्रम को सफल बनाने में उमाकांत लाल, शशिधर लाल अग्रवाल, सुधीर अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण भगत, विरेंद्र शर्मा, कुमार विमलेश, अरुण कुमार, राघव राणा, कैलाश उरांव, रामसेवक प्रसाद, प्रमोद अग्रवाल, ब्रजमनी पाठक, प्रशांत खाखा, कुबेर भगत, नीरज कुमार नलिन, विनोद राय, निर्मला कुमारी, प्रमिला कुमारी, रामेश्वर उरांव, बंदे उरांव, मुनी उरांव, प्रमेश्वर साहू, हीरेंद्र सिन्हा, सुरेश लोहरा, धीरजमल गोप आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

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