गरमी आते ही पानी की किल्लत शुरू

लोहरदगा : गरमी आते ही जलाशयों का पानी तेजी से नीचे जाने लगा है. लोग पेयजल की समस्या से जूझने लगे हैं. शहरी क्षेत्र के लोगों को पेयजल की समस्या से ज्यादा जूझना पड़ रहा है, क्योंकि कभी बिजली न होने के कारण पेयजलापूर्ति बंद कर दी जाती है तो कभी जलापूर्ति लाइन खराब के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2015 9:00 AM

लोहरदगा : गरमी आते ही जलाशयों का पानी तेजी से नीचे जाने लगा है. लोग पेयजल की समस्या से जूझने लगे हैं. शहरी क्षेत्र के लोगों को पेयजल की समस्या से ज्यादा जूझना पड़ रहा है, क्योंकि कभी बिजली न होने के कारण पेयजलापूर्ति बंद कर दी जाती है तो कभी जलापूर्ति लाइन खराब के नाम पर लोगों को पेयजल मुहैया नहीं कराया जाता है.

शहरी क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में भी जल संकट गहराने लगा है. जैसे-जैसे तापमान में बढ़ोतरी हो रही है वैसे-वैसे जल संकट भी गहराता जा रहा है. शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को पानी के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पानी की कमी के कारण लोग काफी परेशान हैं.

नदी, तालाब, कुआं सूख चुके हैं. इंसान के साथ-साथ मवेशियों को भी पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. शहर में अधिकांश लोग शहरी जलापूर्ति पर निर्भर हैं, लेकिन इस योजना से भी लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है.

शहरी क्षेत्र के अधिकांश चापानल खराब पड़े हैं. ग्रामीण इलाकों में खराब चापानलों की मरम्मत के लिए मुखियाओं को राशि दी गयी थी, बावजूद इसके चापानलों की समुचित मरम्मत नहीं हो सका. ग्रामीण इलाकों में तालाब सूख जाने से मवेशियों को भी पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. किसान परेशान हैं. किसानों का कहना है कि हर वर्ष गरमी के मौसम में इस तरह की परेशानी होती है, लेकिन इसका कोई स्थायी निदान नहीं निकाला जाता है. तमाम जनप्रतिनिधि भी चुनाव के समय लोगों को सहज-सुलभ जलापूर्ति व्यवस्था का आश्वासन देते हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद वादे सिर्फ वादे ही रह जाते हैं.

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