सरना प्रार्थना सभा का धार्मिक सम्मेलन

लोहरदगा. शहरी क्षेत्र के सोबरन टोली में राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा का आयोजन चंदन भगत, संजय भगत, राम कुमार उरांव की अध्यक्षता में हुई. मौके पर धर्म सम्मेलन सत्संग की अध्यक्षता सोमे उरांव ने की. कहा कि आदिवासी समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर किये बगैर समाज का संपूर्ण विकास संभव नहीं है. समाज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2015 7:04 PM

लोहरदगा. शहरी क्षेत्र के सोबरन टोली में राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा का आयोजन चंदन भगत, संजय भगत, राम कुमार उरांव की अध्यक्षता में हुई. मौके पर धर्म सम्मेलन सत्संग की अध्यक्षता सोमे उरांव ने की. कहा कि आदिवासी समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर किये बगैर समाज का संपूर्ण विकास संभव नहीं है. समाज में व्याप्त कुरीति को दूर करने के लिए सबों को आगे आना होगा. रीति रिवाज के नाम पर शराब सेवन बंद करना होगा. अंधविश्वास के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा. शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त करने का उद्देश्य समाज के युवाओं को देना होगा, तभी समाज आगे बढ़ेगा. एतवा उरांव ने कहा कि डायन-बिसाही को लेकर समाज के कई लोगों की जाने गयी हैं. लोग बीमारी से हुई मौत को भी अंधविश्वास के कारण डायन बिसाही में मारने का आरोप लगाते हुए समाज के लोग से ही दुश्मनी अपने दिमाग में रखते हैं. समय मिलते ही लोग किसी की जान मारने से भी नहीं हिचकते. समाज से अंधविश्वास को हर हाल में दूर करना होगा और यह तभी संभव होगा, जब समाज के सभी लोग शिक्षित एवं जागरूक होंगे. जलेश्वर उरांव ने कहा कि सरना धर्म की पूजा पद्धति एवं सृष्टि आदि काल से चली आ रही है. वैज्ञानिक पद्धति विकसित होने के बाद भी इसे नहीं नकार सकते. आज भी पेड़ पौधों की पूजा रीति रिवाज के अनुसार सभी समाज के लोग करते हंै. फर्क सिर्फ अपनाने की है. मौके पर राधा तिर्की, चिंतामनी उरांव ने भी बैठक को संबोधित किया. मौके पर जयपाल उरांव, सूरज भगत, मनोज लकड़ा, ऋषिकांत भगत, अर्जुन भगत,धीरज भगत, तारा उरांव, मीना उरांव, जयराम उरांव, मनोज भगत, बुद्वेश्वर उरांव, अजित भगत आदि मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version