न फेल है, न पास निखिलेश
– प्रवीण तिवारी – अखबार बेच कर जीविका चलाने वाले निखिलेश अपनी पढ़ाई पूरी कर जायज मुकाम हासिल करना चाहता है, लेकिन झारखंड शिक्षा विभाग की लुंज–पुंज व्यवस्था उसके भविष्य को अंधकार की ओर ले जा रहा है. निखिलेश ने इसी वर्ष इंटर की परीक्षा दी है, लेकिन अब तक उसका परिणाम नहीं आया. शिक्षा […]
– प्रवीण तिवारी –
अखबार बेच कर जीविका चलाने वाले निखिलेश अपनी पढ़ाई पूरी कर जायज मुकाम हासिल करना चाहता है, लेकिन झारखंड शिक्षा विभाग की लुंज–पुंज व्यवस्था उसके भविष्य को अंधकार की ओर ले जा रहा है. निखिलेश ने इसी वर्ष इंटर की परीक्षा दी है, लेकिन अब तक उसका परिणाम नहीं आया.
शिक्षा विभाग की उदासीनता व पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण निखिलेश का रिजल्ट पांच माह से लटका हुआ है. हर सुबह वह अखबार बेचने के पहले, अखबारों के पन्नों टटोलता है कि कहीं उसका रिजल्ट तो नहीं आया है! लेकिन ऐसा करते–करते पांच माह बीत गये.