अनाथ बच्चे गांव के बेटा-बेटी बने

भंडरा/ लोहरदगा : डायन-बिसाही का आरोप लगा कर एक युवक द्वारा सुगईन की पीट-पीट कर हत्या कर दिये जाने के बाद अनाथ हुई उसकी चार बेटियां व एक बेटा पूरे गांव की बेटी एवं बेटा बन गये. बच्चों के अनाथ होने से पूरा गांव मर्माहत है. सुगईन का पति सीताराम लोहरा की मृत्यु तीन वर्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2015 6:16 PM

भंडरा/ लोहरदगा : डायन-बिसाही का आरोप लगा कर एक युवक द्वारा सुगईन की पीट-पीट कर हत्या कर दिये जाने के बाद अनाथ हुई उसकी चार बेटियां व एक बेटा पूरे गांव की बेटी एवं बेटा बन गये. बच्चों के अनाथ होने से पूरा गांव मर्माहत है. सुगईन का पति सीताराम लोहरा की मृत्यु तीन वर्ष पहले हो गया था. सुगइन की चार बेटी रीना कुमारी, सीनू कुमारी, साबू कुमारी, करीना कुमारी, बेटा जगरनाथ लोहरा की लालन-पालन को लेकर गांव में बैठक हुई.

गांव के पंचायत में सभी लोगों ने कहा कि बच्चों के माता-पिता नहीं हैं. वैसी स्थिति में पूरा गांव के लोगों की जिम्मेवारी है, इन बच्चों का पालन पोषण करें. इस क्रम में बैठक में उपस्थित लोग बच्चों के लिए अनाज एवं पैसे दिये. सुगईन की बेटी रीना कुमारी 17 वर्ष एवं सीनू कुमारी 15 वर्ष की शादी की चिंता भी गांव के लोगों को है. हत्यारा के पिता को दो बेटियों की शादी की जिम्मेवारी गांव की पंचायत में सुगईन का हत्यारा रंजीत उरांव के पिता प्रभु उरांव को भी बुलाया गया था. सुगईन की दोनों बड़ी बेटी की शादी की जिम्मेवारी हत्यारा के पिता को दी गयी.

साथ ही अन्य खर्च वहन करने का निर्देश दिया गया. पंचायत ने प्रभु को यह सलाह दी कि हत्यारा रंजीत उरांव के हिस्से की जमीन से सुगईन की दोनों बेटी का शादी का खर्च करें. हालांकि यह निर्णय पूरा नहीं हो सका. पंचायत के द्वारा इस विषय पर न्यायिक सलाह लेने की बात कही गयी.

सौहार्द्र की मिशाल पेश की उदरंगी गांव के पंचायत में सांप्रदायिक सौहार्द्र, आपसी प्रेम, समानता का उदाहरण प्रस्तुत किया गया. सुगईन देवी एवं हत्यारा परिवार आदिवासी समुदाय के हैं, परंतु गांव में इस बड़ी समस्या पर मुसलिम, हिंदू, आदिवासी सभी एक साथ बैठ कर पंचायत किये. पंचायत की अध्यक्षता वजाहत अंसारी ने की. उदरंगी गांव के इस सांप्रदायिक सौहार्द्र की चर्चा आसपास में है.

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