::::::: मांगे नहीं मानी, तो आंदोलन करेंगे

लोहरदगा. झारखंड आंदोलनकारी मोरचा की बैठक अरुण साहू की अध्यक्षता में हुई. बैठक में वक्ताओं ने कहा कि झारखंड आंदोलन लंबे समय तक चलनेवाला आंदोलन था. आंदोलन को प्रारंभ से छलने का काम किया गया है. आज पृथक राज्य के गठन के पश्चात भी आंदोलनकारियों को सम्मानित करना तो दूर जो आवेदन किये हैं, उनके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2015 8:03 PM

लोहरदगा. झारखंड आंदोलनकारी मोरचा की बैठक अरुण साहू की अध्यक्षता में हुई. बैठक में वक्ताओं ने कहा कि झारखंड आंदोलन लंबे समय तक चलनेवाला आंदोलन था. आंदोलन को प्रारंभ से छलने का काम किया गया है. आज पृथक राज्य के गठन के पश्चात भी आंदोलनकारियों को सम्मानित करना तो दूर जो आवेदन किये हैं, उनके आवेदन को प्रशासन लंबित रखे हुए हैं. बार-बार जिला प्रशासन को सूचित करने के बावजूद आवेदन आयोग को नहीं भेजा गया है.

लोगों ने कहा कि जिस तरह हम संघर्ष कर राज्य गठन करने को बाध्य किया. आज पुन: जिन सपनों, परिकल्पना को लेकर झारखंड अलग राज्य की लड़ाई हमने लड़ी थी, उसे और लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है. राज्य गठन के बाद से ही यहां के नेता हमारे अधिकारों को लूटने का काम किया है. अत: पुन: एक शोषणमुक्त झारखंड के निर्माण एवं आंदोलनकारी को सम्मानित करने के लिए धारदार आंदोलन शुरू करने की जरूरत है.

वक्ताओं ने कहा कि पूरा राज्य अकाल की चपेट में है. किसान व मजदूर पलायन कर रहे हैं. खाद्य सुरक्षा के तहत खाली आश्वासन मिल रहा है. यदि लोकतांत्रिक आंदोलन से प्रशासन व सरकार हमारी आवाज नहीं सुनेगी तो मोरचा उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी. बैठक में दिलीप पटनायक, किरण कुमार साहू, शाहिद अहमद, विशेषण भगत, रतिया उरांव, बालोमनी बाखला, ज्ञानप्रभा एक्का, लोलेन तिर्की, निलमनी बाखला, जहान अंसारी सहित बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मौजूद थे.

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