लेडी डॉक्टर के चेयर पर डीएस साहब

महिला चिकित्सक के रहते पुरुष करते हैं महिला मरीजों का इलाज, मरीजों को आपत्तिलोहरदगा : सदर अस्पताल, लोहरदगा में महिला मरीज इलाज कराने से परहेज करने लगी हैं. इनका कहना है कि सदर अस्पताल में महिला चिकित्सक के रहने के बावजूद यहां पर स्थापित उपाधीक्षक डॉ पीसी हेम्ब्रम महिला चिकित्सक की कुरसी पर बैठ जाते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:36 PM

महिला चिकित्सक के रहते पुरुष करते हैं महिला मरीजों का इलाज, मरीजों को आपत्ति
लोहरदगा : सदर अस्पताल, लोहरदगा में महिला मरीज इलाज कराने से परहेज करने लगी हैं. इनका कहना है कि सदर अस्पताल में महिला चिकित्सक के रहने के बावजूद यहां पर स्थापित उपाधीक्षक डॉ पीसी हेम्ब्रम महिला चिकित्सक की कुरसी पर बैठ जाते हैं और इलाज करने लगते हैं.

महिला मरीजों का आरोप है कि उनके इलाज करने का तरीका भी बिल्कुल भद्दा होता है. सोमवार को भी हमेशा की तरह सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ड्यूटी पर तैनात डॉ दिप्ती कुजूर के चेयर पर बैठ गये और उन्हें दूसरे काम के लिए अन्यत्र भेज दिया. खुद महिलाओं का इलाज करने लगे.

महिलाओं के साथ आये उनके लोगों ने इसकी जानकारी मीडिया वालों को दी और आपत्ति जतायी. जब सदर अस्पताल में मीडिया वाले पहुंचे, तो वहां महिला चिकित्सक के चेयर पर डॉ पीसी हेम्ब्रम बैठे थे और आला लगा कर महिलाओं का इलाज कर रहे थे. अस्पताल में बड़ी संख्या में महिला मरीज पहुंची थीं.

महिलाएं पुरुष चिकित्सक से इलाज कराने में संकोच कर रही थीं. जब मीडिया वालों ने डॉ हेम्ब्रम से पूछा कि महिला चिकित्सक के रहते आप महिलाओं का इलाज क्यों कर रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि- भीड़ ज्यादा है.

मैं संभाल दे रहा हूं. जब उनसे पूछा गया कि महिला चिकित्सक कहां हैं, तो बताया कि इधर-उधर होगी. सदर अस्पताल के बरामदे के पास महिला चिकित्सक डॉ दिप्ती कुजूर एक नर्स से बात कर रही थी. जब उनसे पूछा गया कि आपकी ड्यूटी अभी है और आप अपने कक्ष में नहीं हैं, तो उन्होंने बताया कि डीएस (उपाधीक्षक) सर मेरी कुरसी में बैठ जाते हैं. तो मैं कहां बैठूंगी.

जब उनसे पूछा गया कि क्या महिलाओं का इलाज एक पुरुष चिकित्सक बढ़िया से कर सकता है, तो डॉ दिप्ती का कहना था कि महिलाओं को कई तरह की परेशानी होती है. इसलिए बेहतर इलाज तो महिला चिकित्सक ही कर सकती है. जब अस्पताल में मीडिया वालों के पहुंचने एवं महिला मरीजों के परिजनों की आपत्ति शुरू हुई, तो डीएस डॉ हेम्ब्रम चुपके से निकल लिये.

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