दीपावली पर जलायेंगे मिट्टी का दीया

लोहरदगा : दीपावली का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, लोग अपने घरों की साफ-सफाई के काम में तेजी ला रहे हैं. दीपावली को लेकर लोगों में उत्साह का माहौल है और लोग पुरानी परंपरा का निर्वहन पुरानी पद्धति से ही करना चाहते हैं. पर्यावरण के संतुलन को ध्यान में रखते हुए एवं देश की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2015 12:26 AM

लोहरदगा : दीपावली का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, लोग अपने घरों की साफ-सफाई के काम में तेजी ला रहे हैं. दीपावली को लेकर लोगों में उत्साह का माहौल है और लोग पुरानी परंपरा का निर्वहन पुरानी पद्धति से ही करना चाहते हैं.

पर्यावरण के संतुलन को ध्यान में रखते हुए एवं देश की प्राचीन परंपरा को जीवंत रखते हुए लोगों ने इस बार दीपावली के मौके पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में मिट्टी के दीया जलाने का संकल्प लिया है.

इस संबंध में लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर अग्रवाल का कहना है कि मिट्टी के दीया जलाने से जहां पर्यावरण शुद्ध रहता है, वहीं इस दीया को बनानेवाले लोग भी खुशहाल होंगे. मैना बगीचा निवासी कमलेश कुमार का कहना है कि चायनिज बल्बों के बजाय मिट्टी के दीये का इस्तेमाल कर देश को खुशहाल बनाया जा सकता है.

पावरगंज निवासी रितेश कुमार टुन्ना का कहना है कि दीपावली का इस बार चायनिज बल्बों के स्थान पर मिट्टी के दीया का इस्तेमाल करेंगे. टंगरा टोली निवासी गुंजन प्रजापति का कहना है कि कुम्हारों की स्थिति को देखते हुए मिट्टी के दीये का उपयोग ज्यादा से ज्यादा किया जाना चाहिए.

ब्लॉक मोड़ निवासी अनिल श्रीवास्तव का कहना है कि मिट्टी के दीये का उपयोग सबों को करना चाहिए, इससे देश का पैसा बाहर नहीं जायेगा और हमारे देश के कुम्हार भी समृद्ध होंगे. वीर शिवाजी चौक निवासी अनुप दास का कहना है कि मिट्टी के दीपक का उपयोग दीपावली में ज्यादा से ज्यादा किया जायेगा.

बरवाटोली निवासी राजेश अग्रवाल का कहना है कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मिट्टी के दीये का उपयोग इस बार करेंगे. उन्होंने और लोगों से भी इसका उपयोग करने का आग्रह किया है. बमनडीहा निवासी पंकज कुंवर का कहना है कि पारंपरिक तरीके से दिवाली मनाने के लिए मिट्टी का दिया का उपयोग किया जाना चाहिए. इसके पीछे वैज्ञानिक व धार्मिक कारण भी हैं.

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