डीएसइ पर लगे आरोप को लोकायुक्त ने खारिज किया
लोहरदगा : लोकायुक्त के कार्यालय में जिला शिक्षा अधीक्षक फरहाना खातून के खिलाफ दायर परिवाद को खारिज कर दिया गया. लोहरदगा जिला के राजकीय कृत उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय सेन्हा के निलंबित शिक्षक मो. हासीम ने जिला शिक्षा अधीक्षक फरहाना खातून व कार्यालय के कर्मियों अरुण कुमार, श्रवण कुमार, विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक व शिक्षक […]
लोहरदगा : लोकायुक्त के कार्यालय में जिला शिक्षा अधीक्षक फरहाना खातून के खिलाफ दायर परिवाद को खारिज कर दिया गया.
लोहरदगा जिला के राजकीय कृत उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय सेन्हा के निलंबित शिक्षक मो. हासीम ने जिला शिक्षा अधीक्षक फरहाना खातून व कार्यालय के कर्मियों अरुण कुमार, श्रवण कुमार, विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक व शिक्षक विकेश सिन्हा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. लोकायुक्त के यहां परिवाद दाखिल किया गया था.
शिक्षक मो. हासिम ने कहा था कि 20 वर्षो से उनका पेमेंट बकाया है. जब वे पेंमेंट मांगते हैं तो उनसे पैसे की मांग की जाती है. पैसा नहीं देने के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया है. लोकायुक्त ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया और प्राथमिक शिक्षा के निदेशक से पूरे मामले में जांच प्रतिवेदन मांगा.
प्राथमिक शिक्षा के निदेशक ने जिला शिक्षा अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी. जिला शिक्षा अधीक्षक ने अपने रिपोर्ट में कहा कि निलंबित शिक्षक मो. हासिम का शिक्षा विभाग से किसी भी तरह का बकाया नहीं है. शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अवलोकन के बाद लोकायुक्त ने प्राथमिक शिक्षा के निदेशक को या उनके प्रतिनिधि को उपस्थित होने का निर्देश दिया था.
निदेशक ने इसके लिए जिला शिक्षा अधीक्षक को अधिकृत किया. इस पर मो.हासिम ने लोकायुक्त को लिखित रूप से कहा कि चूंकि आरोप जिला शिक्षा अधीक्षक पर ही लगाया गया है. इस लिए उनके स्थान पर किसी अन्य से जांच करायी जाये. इस पर लोकायुक्त ने एक कमेटी बनायी, जिसमें लोकायुक्त के सचिव, डिप्टी सेक्रेटरी, अंडर सेक्रेटरी रखे गये.
कमेटी ने दोनों पक्षों की उपस्थिति में रिपोर्ट की जांच की और पाया कि जिला शिक्षा अधीक्षक फरहाना खातून पर लगाये गये आरोप गलत हैं.
निलंबित शिक्षक मो. हासिम अपनी अनुपस्थिति को जायज बताने के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक पर दबाव बना कर भुगतान चाहता है. लोकायुक्त ने इस परिवाद को खारिज कर दिया.