जरूरतमंदों को नहीं मिला कार्ड
लोहरदगा : लोहरदगा जिला में राशन कार्ड बनाने में भारी गड़बड़ी हुई. अधिकांश राशनकार्ड वैसे लोगों का बन गया, जो उसके पात्र ही नहीं हैं. और जो पात्र हैं, उनका राशनकार्ड बना ही नहीं. जिला प्रशासन को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने लोगों से अपील की कि जो निर्धारित मानकों के […]
लोहरदगा : लोहरदगा जिला में राशन कार्ड बनाने में भारी गड़बड़ी हुई. अधिकांश राशनकार्ड वैसे लोगों का बन गया, जो उसके पात्र ही नहीं हैं. और जो पात्र हैं, उनका राशनकार्ड बना ही नहीं. जिला प्रशासन को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने लोगों से अपील की कि जो निर्धारित मानकों के आलोक में पात्र नहीं हैं,
वे अपना राशन कार्ड पंचायत कार्यालय, प्रखंड कार्यालय, एसडीओ कार्यालय, जिला आपूर्ति कार्यालय या उपायुक्त कार्यालय में प्रत्यक्ष रूप से या डाक से 31 जनवरी तक जमा कर दें. भविष्य में अपात्र व्यक्ति /परिवार द्वारा अधिनियम का लाभ लिये जाने की सूचना प्राप्त होने पर राशन कार्ड को रद्द करने के अतिरिक्त उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी. जिले में कई ऐसे उदाहरण भी हैं जो ये प्रमाणित करते हैं कि राशन कार्ड बनाने में गड़बड़ी हुई है.
संपन्न का बना कार्ड
निर्मल कुमार सिंह एक संपन्न व्यवसायी हैं. उनकी बाॅक्साइट की तीन ट्रक चलती हैं. तीन मंजिला मकान आधुनिक सुविधाओं से लैस है. खुद सात लाख की गाड़ी में चलते हैं. घर में कई मोटरसाइकिल भी है, लेकिन उनका भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्ड बन गया है.
गरीबों का नहीं बना कार्ड
नवाडीह पाड़ा निवासी बितनी देवी जो विधवा है वो टूटे-फुटे मकान में अपने परिवार के साथ रहती है. दूसरों के घरों में बरतन मांज कर दो जून की रोटी जुटाती है. उसका कार्ड नहीं बना है. इस तरह की असमानता लगभग हर जगह देखने को मिल रही है.
420 का होगा मुकदमा दर्ज
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जिन लोगों का भी कार्ड बना है उनके द्वारा घोषणा किया गया था कि वे निर्धारित मानको को पूरा करते हैं. लोगों ने स्वघोषणा पत्र भर कर सौंपा है और घोषणा पत्र में गड़बड़ी करनेवालों को अब चिह्नित किया जा रहा है. वैसे लोगों के पर धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज होगा. जिला प्रशासन ने 31 जनवरी तक का समय लोगों को दिया है, जो संपन्न हैं वे अपना कार्ड स्वेच्छा से लौटा दें.
किन लोगों को मिलेगा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ
जिसके परिवार का कोई भी सदस्य भारत सरकार, राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेश या इनके परिषद, उद्यम,प्रक्रम, उपक्रम, अन्य स्वायत निकाय जैसे विश्वविद्यालय इत्यादि नगर निगम, नगर पार्षद, नगरपालिका, न्यास इत्यादि में नियोजित नहीं हैं, वैसे परिवार का कोई सदस्य आयकर/सेवाकर/व्यवसायिक कर नहीं देता है, वैसे परिवार के पास पांच एकड़ से अधिक सिंचित भूमि अथवा दस एकड़ से अधिक भूमि नहीं है, वैसे परिवार के किसी सदस्य के नाम से चार पहिया मोटर वाहन नहीं है,
वैसे परिवार का कोई सदस्य सरकार द्वारा पंजीकृत उद्यम का स्वामी या संचालक नहीं है, वैसे परिवार के पास रेफ्रिजेरेटर/एयर कंडीशनर/वाशिंग मशीन नहीं हैं. वैसे परिवार के पास कमरों में पक्की दीवारें तथा छत के साथ तीन या इससे अधिक कमरों का मकान नहीं है या वैसे परिवार के पास मशीन चालित चार पहियेवाले कृषि उपकरण नहीं हैं आदि का ही बन पायेगा राशन कार्ड.
जिला में 357 हैं राशन डीलर
लोहरदगा जिला में 357 राशन डीलर हैं. इसमें शहरी क्षेत्र में 37, लोहरदगा ग्रामीण में 53, सेन्हा में 54, भंडरा में 47, किस्को में 45, कुडू में 66, पेशरार में 29, कैरो में 26 राशन डीलर हैं. यहां 9922 अंत्योदय कार्ड हैं. इनमें शहरी क्षेत्र में 991, लोहरदगा ग्रामीण में 1170, सेन्हा में 1358, भंडरा में 1128, किस्को में 1515, कुडू में 1600, पेशरार में 1210, कैरो में 950 हैं. इसी तरह पीएच कार्डधारियों की संख्या 58786 है. लोहरदगा शहर में 6452, लोहरदगा ग्रामीण में 9515, सेन्हा में 7990, भंडरा 6664, किस्को 8185, कुडू 10742, पेशरार 4151, कैरो 5087 हैं.
इन्होंने कार्ड वापस किया
अभी भी समाज में वैसे व्यक्ति हैं जो दूसरो का हक नहीं मारना चाहते हैं. इसका उदाहरण गुरुवार को देखने को मिला जब तिवारी दूरा निवासी बजरंग अग्रवाल की पत्नी लीला देवी जिला आपूर्ति पदाधिकारी के कार्यालय में पहुंच कर अपना कार्ड वापस कर दिया. कहा कि उन्हें इस कार्ड की जरूरत नहीं है.
कार्ड तो उन्हें मिल गया, लेकिन वो इसका उपयोग नहीं करेंगी. उन्होंने जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजीव रंजन से आग्रह किया कि इस कार्ड को रद्द कर किसी जरूरतमंद को कार्ड दें. बरवाटोली निवासी अमित कुमार अग्रवाल ने भी अपना राशन कार्ड जिला आपूर्ति पदाधिकारी को लौटा दिया. कहा कि उन्हें इसकी जरुरत नहीं है. उनके इस कदम की लोगों ने सराहना की.
संपन्न लोगों से कार्ड वापस करने की अपील
फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन झारखंड राज्य के कार्यकारी अध्यक्ष नबीउल हसन ने भी संपन्न लोगों से कार्ड वापस करने का अनुरोध किया है. कहा है कि इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है और सर्वे में वैसे लोगों की छंटनी हो जायेगी.