जीवन में अनुशासन जरूरी : डीएसपी
उर्सुलाइन प्राथमिक शिक्षिका शिक्षा महाविद्यालय टीटीसी का वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता लोहरदगा : जीवन में अनुशासन जरूरी है. खेलकूद से हमें अनुशासन में रहकर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है. उक्त बातें मुख्य अतिथि डीएसपी आशीष कुमार महली ने उर्सुलाइन प्राथमिक शिक्षिका शिक्षा महाविद्यालय टीटीसी के वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता के उदघाटन के मौके पर कही. उन्होंने […]
उर्सुलाइन प्राथमिक शिक्षिका शिक्षा महाविद्यालय टीटीसी का वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता
लोहरदगा : जीवन में अनुशासन जरूरी है. खेलकूद से हमें अनुशासन में रहकर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है. उक्त बातें मुख्य अतिथि डीएसपी आशीष कुमार महली ने उर्सुलाइन प्राथमिक शिक्षिका शिक्षा महाविद्यालय टीटीसी के वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता के उदघाटन के मौके पर कही.
उन्होंने कहा कि इस आदिवासी बहुल इलाके उर्सुलाइन प्राथमिक शिक्षिका शिक्षा महाविद्यालय प्रशिक्षण देकर एक शिक्षिका समाज को दे रहा है. जो बड़ी बात है. शिक्षा दान जैसा पुण्य का काम दूसरा कोई नहीं है. कहा कि यहां आकर मुझे काफी सुखद अनुभव हो रहा है. छात्राओं में गजब की प्रतिभा नजर आ रही है. महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ सिस्टर वंदना ने कहा कि उर्सुलाइन टीटीसी में शिक्षा के साथ संस्कार भी प्रदान किये जाते हैं.
एक स्वस्थ्य समाज के निर्माण में एक इंसान किस तरह अपनी भूमिका निभा सकता है. यह हम बताते हैं. इस दौरान सिस्टर प्लासिदा समेत कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम का संचालक सिस्टर स्कोलास्टिका व मिस नीलम रानी द्वारा किया गया. इससे पूर्व मुख्य अतिथि का स्वागत पारंपरिक तरीके से किया गया. छात्राओं ने मार्च पास्ट किया.
खेल मशाल व शपथ के बाद आकर्षक एरोबिक डांस व पिरामिड का निर्माण कर छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया. इसके बाद खेलकूद प्रतियोगिता शुरू हुई. जिसमें 100 मीटर दौड़, तीन पैर की दौड़, मार्बल रेस, कटिंग कंपीटिशन, निडल कंपीटिशन, 200 मीटर रेस, मेमोरी टेस्ट, स्कीपिंग दौड़, हडल दौड़, फैंसी ड्रेस, बोतल दौड़, रिले दौड़ समेत कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी. विजेताओं के बीच पुरस्कार वितरण मुख्य अतिथि ने किया. मौके पर शिक्षक किशोर कुमार वर्मा, सीपी भगत, प्रभात भगत, रवि महली,
सिस्टर श्लोकिस्टा, सिस्टर दीपिका, सिस्टर सिसिल्या, रंजीता, रेशमा, नेन, नीलम, नूतन, ज्योति, रेश्मा कोनगाड़ी, माजेला, पूनम कुजूर, प्रतिभा खलखो, अन्ना लकड़ा, शीला बाड़ा, असुंता लुगून, सुमन कुजूर, टेरेसा कुजूर, लता एक्का, जीरामनी समद, किरण सुरीन, अनिता मिंज, शांति सलोमी कुजूर, वंदना कुजूर, जयंती एक्का, ज्योति एक्का, श्वेता बाड़ा, अंजना मिंज, ज्योत्सना कैरोलिना खेाया, नीलमनी टोप्पो, अंजनी केरकेट्टा, रेणुका बा, अनिता मुर्मू, तीरेसा मिंज, अंजली खलखो, अलवीन केरकेट्टा, विनीता एक्का, रेश्मा तिर्की, मेरी आस्मा बेग, सुचिता आइंद, सीमा कुमारी, सुषमा मिंज, सुशांति होरो, अलबिसिया भेंगरा, निरल्ड एक्का, असरीता लकड़ा, मार्टिला सुरील, इंद्रानी बाखला, कर्मेला बाड़ा,
क्रिसपिना किस्पोट्टा, रितू अनुपमा किरो, विश्वासी लोमगा, वृजिट हुनी कुर्ती, जुलिता मिंंज, शमीमा खातून, नोरमा कुजूर, दुर्गा राम, पूनम भगत, मार्गेट कंडुलना, लिमा टोप्पो, ममता वेलीएट लकड़ा, नौरिन हेरा, दिव्या तिर्की, शबनम खातून, लता एक्का समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे.