आठ वर्ष पूर्व बने चेकडैम से आयी खुशहाली

विनोद महतो लोहरदगा : झारखंड में आमतौर पर योजनाएं बनती हैं और ठंडे बस्ते में चली जाती हैं. कुछ योजनाओं पर काम शुरू होता है, लेकिन यह कभी पूरी नहीं होती. कुछ योजनाएं ऐसी भी होती हैं, जो बनती हैं और पूरी भी होती हैं. लंबे समय तक लोगों को इसका लाभ भी मिलता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2016 8:44 AM

विनोद महतो

लोहरदगा : झारखंड में आमतौर पर योजनाएं बनती हैं और ठंडे बस्ते में चली जाती हैं. कुछ योजनाओं पर काम शुरू होता है, लेकिन यह कभी पूरी नहीं होती. कुछ योजनाएं ऐसी भी होती हैं, जो बनती हैं और पूरी भी होती हैं. लंबे समय तक लोगों को इसका लाभ भी मिलता है. विधायक सुखदेव भगत के कोष से वर्ष 2007-08 में एक चेकडैम का निर्माण हुआ, जिसका लाभ आज भी गांव के किसान उठा रहे हैं.

लोहरदगा जिला के कैरो प्रखंड के किसानों के अनुरोध पर विधायक ने घसकट्टा ढ़ोढा में सीरीज चेकडैम का निर्माण कराया. आमतौर पर साल भर इस चेकडैम में पानी रहता है. इससे करीब 200 एकड़ भूमि को सिंचाई की सुविधा मिल जाती है. क्षेत्र में करीब 100 एकड़ भूमि में किसान मटर, गेहूं, टमाटर आदि की खेती करते हैं. इससे क्षेत्र में समृद्धि आयी है, पलायन पर अंकुश लगा है.

एक समय था, जब सिंचाई की सुविधा न होने की वजह से खेत सूख जाते थे. किसान की मेहनत बेकार चली जाती थी और परिवार चलाने के लिए उन्हें उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार के ईंट-भट्ठों पर काम करना पड़ता था. वहां उनका खूब शोषण होता था. लेकिन, जब सिंचाई की व्यवस्था हुई, तो किसान खुशहाल हुए.

7.5 लाख से बना था चेकडैम: लगभग साढ़े सात लाख रुपये की लागत से बना यह चेकडैम काफी उपयोगी साबित हुआ. सुखदेव भगत कहते हैं कि कृषि को बढ़ावा दिये बगैर किसानों की स्थिति नहीं सुधर सकती. लोहरदगा में सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था न होने की वजह से किसानों को पलायन करना पड़ता है. इसलिए उन्होंने सिंचाई सुविधा पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने भविष्य में भी लोहरदगा जिले में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है.

ढ़ोढा का पानी अनावश्यक बह जाता था. इस पानी से किसानों को कोई लाभ नहीं होता था. चेकडैम बना, तो नाले की उपयोगिता बढ़ गयी. इसमें सालों भर पानी रहता है. आसपास के किसान साल भर खेती कर अपने परिवार का भरण-पोषण आराम से कर रहे हैं. चेक डैम के कारण गर्मी में भी सब्जियों की खेती होती है.

आल्मीन अंसारी, किसान

इस ढ़ोढा के अलावा भी कई जलस्रोत हैं, जिससे किसानों को लाभ मिल सकता है. पहले घटकट्टा क्षेत्र में सिर्फ धान की खेती होती थी. खेत खाली रहता था, लेकिन, जब से ढ़ोढा में चेक डैम बनाया गया, यह क्षेत्र लहलहा रहा है.चेकडैम के पानी से हम अब धान के साथ गेहूं और सब्जी की भी खेती कर रहे हैं.

किसान दीनदयाल उरांव, किसान

किसान मेहनती हैं, लेकिन सुविधा के अभाव में खेती नहीं कर पाते. परिवार के भरण-पोषण के लिए पलायन करना पड़ता है. सिंचाई सुविधा मिली, तो खेतों में ही मेहनत करेंगे, आत्मनिर्भर बनेंगे. घसकट्टा ढ़ोढा से किसानों को लाभ नहीं था. छोटे-छोटे चेक बांध देने से खेतों में पानी पहुंचा. सब्जी की खेती से किसान खुशहाल हैं.

यासीन अंसारी, किसान

कैरो, कुडू और भंडरा में भी आयेगी हरियाली

नंदिनी नहर की सफाई का काम मैंने शुरू कराया है. इसके पूरा होते ही कैरो, कुडू एवं भंडरा क्षेत्र में हरियाली आयेगी. किस्को प्रखंड में डहरबाटी नाला का काम शीघ्र शुरू होगा. मैंने इसकी पूरी प्रक्रिया करा ली है. इसके बन जाने से किस्को प्रखंड के किसान लाभान्वित होंगे.

सुखदेव भगत, विधायक

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