घटना के संबंध में बताया जाता है कि गोबर्धन उरांव पर लोग डायन-बिसाही का आरोप लगा रहे थे. ग्रामीणों का कहना था कि गोबर्धन बच्चों का अपहरण कर उनकी बलि देता है. लोगों ने इसी बात को पूरे इलाके में फैला दी थी. गुड़ी पंचायत के लगभग सभी गांव के लोग (इसमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे) लाठी-डंडे से लैस होकर गोबर्धन के घर पहुंचे तथा तोड़-फोड़ कर घर में आग लगा दी. इस घटना की सूचना पाकर जब पुलिस पहुंची, तो लोगों ने पुलिस का भी विरोध करते हुए पथराव किया. बाद में एसपी कार्तिक एस अन्य पुलिस पदाधिकारियों के साथ गांव पहुंचे और फायर ब्रिगेड को बुला कर आग पर काबू पाया. ग्रामीणों द्वारा किये गये पथराव से पुलिस के कई वाहनों के भी शीशे टूट गये. घटना के बाद देर रात तक डीसी भुवनेश प्रताप सिंह व एसपी कार्तिक एस एवं अन्य अधिकारी कैंप किये हुए थे. इस मामले में गुड़ी पंचायत के मुखिया राम उरांव सहित 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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लोहरदगा : बच्चों की बलि की अफवाह के बाद तीन को जिंदा जलाया
कैरो थाना क्षेत्र के चिपो ठेका टोली में गोबर्धन उरांव के घर में आग लगा दी़ इस घटना में तीन लोग जिंदा जल गये़ घटना के बाद से गांव में वीरानी छायी है़ पुलिस और प्रशासन के लोग कैंप किये हुए है़ं घटना के संबंध मेंं कोई कुछ बोलने का तैयार नहीं है़ लोहरदगा : […]
कैरो थाना क्षेत्र के चिपो ठेका टोली में गोबर्धन उरांव के घर में आग लगा दी़ इस घटना में तीन लोग जिंदा जल गये़ घटना के बाद से गांव में वीरानी छायी है़ पुलिस और प्रशासन के लोग कैंप किये हुए है़ं घटना के संबंध मेंं कोई कुछ बोलने का तैयार नहीं है़
लोहरदगा : कैरो थाना क्षेत्र के चिपो ठेका टोली में रविवार की देर रात आसपास के गांव के लोगों ने गोबर्धन उरांव के घर में आग लगा दी तथा जम कर तोड़-फोड़ की. घर में रखे सभी सामान नष्ट कर दिये. इस घटना में गोबर्धन उरांव (60), पत्नी मादो (55), पुत्रवधू सुखमनिया (30) की जल कर मौत हो गयी, जबकि गोबर्धन का पुत्र 35 वर्षीय लालदेव गंभीर रूप से झुलस गया, जिसका इलाज रिम्स में चल रहा है.
संपन्न किसान था गोबर्धन
गोबर्धन की गिनती संपन्न किसान में होती थी. उसके चार बेटे और दो बेटियां हैं. बेटा सुरेश भोपाल में इंजीनियर, मुनेश्वर सेना में, अशोक पुलिस में और लालदेव भगत पिता के साथ गांव में खेती करता था. दो बेटी की शादी हो चुकी है. एक रांची में और एक बुड़का में है. चिपो ठेका टोली में कुछ छह घर हैं, इसमें चार घर गोबर्धन के गोतिया का ही है. गोबर्धन के पास काफी जमीन है़ वैसे कुछ दिन पूर्व ही वह हत्या के एक मामले में जेल से बाहर आया था.
बाइक व मशीन जली
आग में दो मोटरसाइकिल, एक डीजल मशीन, दो साइिकल, धान, चावल, मड़ुआ व महुआ सहित सभी सामान जल गये. हाल में ही गेहूं की फसल हुई थी, जो घर के आंगन में ही रखी थी.
परिवार के साथ बैठा था
गोबर्धन रात में अपने परिवार के साथ घर के बाहर बैठा था. इसी बीच लाठी-डंडे से लैस करीब 1500 लोग जुलूस की शक्ल में पहुंचे और घर के बाहर बैठे गोबर्धन के परिवार पर हमला कर दिया. गोबर्धन सिर्फ इतना ही पूछा हमारी गलती क्या है? वह घर में घुस कर दरवाजा बंद कर लिया़ भीड़ ने घर में आग लगा दी. दरवाजा तोड़ दिया़ लोगों ने पूरे घर को तोड़ डाला. घर में लगी आग से ही गोबर्धन, उसकी पत्नी व बहू सुखमनिया की मौत हो गयी, जबकि पुलिस ने लालदेव को बाहर निकाला एवं उसे रिम्स भेजा.
इरगांव बाजार में बनी थी योजना
इरगांव बाजार में रविवार को गोबर्धन के घर हमले की योजना बनी थी. सूत्र बताते हैं कि गोबर्धन की संपन्नता ही उसके लिए काल साबित हुई. गोबर्धन की संपन्नता से लोग उससे जलते थे. तरह-तरह के आरोप लगाते थे, जबकि गोबर्धन धार्मिक प्रवृत्ति का था. रामनवमी का झंडा, तुलसी चबूतरा उसके आंगन में है. आसपास के लोग बताते हैं कि गोबर्धन के बेटे नौकरी में हैं और खेती से भी उसे अच्छी आमदनी होती है. लगभग हर तरह की खेती वह करता था. उसकी खुशहाली देख कर लोग जलते थे़ लोगों ने उसे बरबाद करने की ठान ली थी और अंधविश्वास के नाम पर उसे बरबाद कर दिया.
बगल मेंं रहते हैं गोतियां
गोबर्धन के घर से सटे उसके गोतिया रहते हैं. घटना के संबंध में जब उन लोगों से पूछा गया, तो उन लोगों ने कहा कि रात में अचानक मारो मारो की आवाज आयी. जब हमलोग घर से बाहर निकलने लगे, तब पाया कि घर का दरवाजा बाहर से बंद है. बगल के घर में लोग तोड़ फोड़ कर रहे थे.
ऐसा लग रहा था मानो हजारों लोग आये हैं. बगल के घर में जब आग लगा दी गयी तब हमलोग अपना दरवाजा पीटने लगे, तो बाहर से भीड़ में किसी ने हमारे घर के दरवाजे की कुंडी खोली, फिर हमलोग बाहर निकले. यह पूछने पर कि क्या आपलोगों ने उन्हें बचाने का प्रयास नहीं किया, तो उन लोगों का कहना था कि जो भी बचाने का प्रयास कर रहा था भीड़ में शामिल लोग उसकी भी पिटाई कर रहे थे. क्या गोबर्धन बच्चों का अपहरण कर बलि देता था, इस सवाल के जवाब में उन लोगों ने कहा कि ऐसी घटना उन लोगों ने कभी नहीं देखी है. सूत्र बताते हैं कि भीड़ में गुड़ी पंचायत के लगभग सभी गांव के लोग शामिल थे.
फैलायी थी बच्चों की बलि की अफवाह
घटना के संबंध में एसपी कार्तिक एस का कहना है कि लोगों ने अफवाह फैला दी थी कि गोबर्धन बच्चों का अपहरण कर उनकी बलि देता है. इसी अफवाह पर कई गांवों के ग्रामीण इकट्ठा होकर रविवार की रात लाठी-डंडे के साथ पहुंचे और गोबर्धन के घर पर हमला कर दिया और आग लगा दी़ भीड़ में करीब 500 लोग शामिल थे़ उसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे.
वैसे लगभग 15 दिन पूर्व भी इस तरह की अफवाह उड़ी थी, तो थानेदार ने गांव में जाकर लोगों को समझाया था. रविवार की रात जैसे ही इस घटना की सूचना पुलिस को मिली, पुलिस तत्काल वहां पहुंची. घर में आग लगा दी गयी थी़ चार लोगों को पुलिस ने आग से निकाला, जिसमें तीन की मौत हो गयी. एक गंभीर रूप से घायल है, जिसका इलाज रिम्स में चल रहा है. एसपी ने कहा कि पूरे मुहल्ले में गोबर्धन का परिवार सबसे संपन्न था. इस मामले में अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस गांव में कैंप कर रही है.पुलिस का विरोध
घटना की सूचना जब कैरो थाना को मिली, तो एक जीप से पुलिस गांव पहुंची, लेकिन हमलावरों ने पुलिस का विरोध किया. पुलिस लौट गयी. बाद में एसपी कार्तिक एस एवं जिले के अन्य पुलिस पदाधिकारी पहुंचे. सूत्र बताते हैं कि भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया. पुलिस ने 12 राउंड फायरिंग भी की, तब भीड़ वहां से हटी. फायर ब्रिगेड की दो गाड़िया आयी. घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था. भीड़ ने घर मे बंधे मवेशियों को घर से बाहर निकाल कर आग लगायी गयी थी.
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