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मनरेगा के तहत काम मिल जाये, तो रुकेगा पलायन
गोपी कुंवर लोहरदगा : जिले में जल संरक्षण के लिए लगभग 1800 डोभा का निर्माण मनरेगा के तहत किया जा रहा है. डोभा निर्माण कार्य को जिला प्रशासन के अधिकारी भी गंभीर हैं. प्रत्येक दिन पंचायतों में डोभा निर्माण कार्य का निरीक्षण करने अधिकारी एवं कर्मचारी पहुंच रहे हैं. प्रशासन का लक्ष्य है कि प्रत्येक […]
गोपी कुंवर
लोहरदगा : जिले में जल संरक्षण के लिए लगभग 1800 डोभा का निर्माण मनरेगा के तहत किया जा रहा है. डोभा निर्माण कार्य को जिला प्रशासन के अधिकारी भी गंभीर हैं. प्रत्येक दिन पंचायतों में डोभा निर्माण कार्य का निरीक्षण करने अधिकारी एवं कर्मचारी पहुंच रहे हैं. प्रशासन का लक्ष्य है कि प्रत्येक राजस्व ग्राम में जून 2017 तक 20 डोभा बन कर तैयार हो जाये़ प्रथम चरण में डोभा निर्माण का काम तेजी से हो रहा है और 17 जून तक इसे हर हाल में पूरा कर लेना है.
गांवों के भ्रमण के क्रम में पाया गया कि डोभा निर्माण कार्य में लगे मजदूर काफी उत्साहित हैं. मजदूरों का कहना है कि यदि उन्हें मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध हो, तो वे लोग पलायन क्यों करेंगे. गांव में काम मिले, इसके लिए मनरेगा के मजदूर भी आशान्वित हैं. उनका कहना है कि एक डोभा के निर्माण में मुश्किल से 20 दिन का समय लगता है़
उसके बाद फिर उनके पास कोई काम नहीं होगा. घर परिवार चलाने के लिए काम तो करना ही होगा़ जब गांव में काम नहीं मिलेगा, तब वे लोग पलायन को विवश होंगे. काम की तलाश में उन्हें उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल व असम राज्य जाना होगा़ ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत के मुखिया व बीडीओ यदि मनरेगा कार्यों पर अच्छी तरह ध्यान दें, तो निश्चित रूप से उन्हें गांव में 100 दिन का रोजगार मिल सकता है. वर्तमान समय में मनरेगा के तहत किसी भी प्रखंड में 100 दिन की योजना तैयार नहीं है.
डोभा निर्माण के बाद मजदूरों के समक्ष काम की कमी हो जायेगी और लोग लोहरदगा जिला से पलायन को विवश होंगे. वर्तमान समय में डीआरडीए में कार्यरत कर्मचारियों को भी डोभा निर्माण कार्य का निरीक्षण के लिए पंचायतों में भेजा जा रहा है. कैरो प्रखंड में सुधीर तमेड़ा, अनिल कुमार, कुडू प्रखंड में बालचंद साहू, भंडरा प्रखंड में गजेंद्र राम, सेन्हा प्रखंड में प्रशांत कुमार झा एवं अमरेंद्र कुमार सहित अन्य कर्मी डोभा निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रहे हैं. विभिन्न प्रखंड के बीडीओ भी डोभा निर्माण कार्य को पूरा कराने में जुटे हैं.
एपीओ प्रशांत कुमार झा ने बताया कि सेन्हा प्रखंड में 318 डोभा निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. इनमें 117 डोभा की स्वीकृति दी गयी है, जिसमें 40 पर काम शुरू हो गया है. इसी तरह कैरो प्रखंड में 156 डोभा निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. यहां 192 डोभा की स्वीकृति दी गयी है और 79 पर काम शुरू हो गया है. अन्य प्रखंडों में भी डोभा निर्माण को लेकर उत्साह है.
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