भगवान के रूप की अनुभूति की जाती है

लोहरदगा : अग्रसेन भवन में आयोजित नौ दिवसीय रामकथा के सातवें दिन वृंदावन से आये संत श्यामा शरण जी महाराज ने भगवान की बाल्यावस्था पर प्रकाश डाला. अपने प्रवचन मेंं उन्होंने कहा कि दुनिया में बहुत चीज ऐसी होती है, जो दिखायी नहीं पड़ती है, बल्कि उनकी अनुभूति की जाती है. हवा को किसी ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2016 7:53 AM
लोहरदगा : अग्रसेन भवन में आयोजित नौ दिवसीय रामकथा के सातवें दिन वृंदावन से आये संत श्यामा शरण जी महाराज ने भगवान की बाल्यावस्था पर प्रकाश डाला. अपने प्रवचन मेंं उन्होंने कहा कि दुनिया में बहुत चीज ऐसी होती है, जो दिखायी नहीं पड़ती है, बल्कि उनकी अनुभूति की जाती है. हवा को किसी ने नहीं देखा है, फूल की खुशबू को किसी ने नहीं देखा है, सिर्फ उनकी अनुभूति होती है.
ठीक इसी तरह भगवान को इस कलियुग में किसी ने नहीं देखा है, बस उनकी अनुभूति की जातीहै और उसकी अनुभूति भगवान के मंदिर में जाकर या भगवान की कथा में ही आकर हो सकती है.कथा के मुख्य यजमान विजय अग्रवाल, उसकी पत्नी मीरा अग्रवाल थे. मौके पर ओम सिंह, प्रणीत जायसवाल, कैलाश केसरी, हिमांशु केसरी, हीरालाल अग्रवाल, अर्पणा तिर्की, लखनलाल मांझी, सुनील अग्रवाल, संजय अग्रवाल, रश्मि अग्रवाल, अभिमन्यु अग्रवाल, गौरव, अभिषेक, परमानंद मिश्र, विष्णु अग्रवाल, बजरंग महतो, कंचन देवी, सीमा कुमारी चौधरी, कंचन देवी व कृष्ण सिंह सहित बड़ी संख्या में रामभक्त मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version