विरोध में निकाली रैली

छात्रा की हत्या के विरोध में छात्राएं एकजुट लोहरदगा : बीएस कॉलेज में बीएससी पार्ट वन की छात्रा दीपा यादव की अगवा कर हत्या करने का मामला गहराता जाता है. लोगों में काफी नाराजगी है. एमएलए महिला काॅलेज की छात्राओं, शिक्षकों और बुद्धिजीवियों ने विरोध मार्च निकाला. छात्राओं द्वारा शहीद अजय पार्क के सामने मानव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2017 2:06 AM
छात्रा की हत्या के विरोध में छात्राएं एकजुट
लोहरदगा : बीएस कॉलेज में बीएससी पार्ट वन की छात्रा दीपा यादव की अगवा कर हत्या करने का मामला गहराता जाता है. लोगों में काफी नाराजगी है. एमएलए महिला काॅलेज की छात्राओं, शिक्षकों और बुद्धिजीवियों ने विरोध मार्च निकाला. छात्राओं द्वारा शहीद अजय पार्क के सामने मानव श्रृंखला बनायी गयी.
दीपा यादव की हत्या के बाद संवेदनशील युवा वर्ग इससे आक्रोशित तो है ही, समाज के बुद्धिजीवी वर्ग भी घटना को लेकर गुस्से में हैं. हर जगह हत्यारे की गिरफ्तारी की मांग हो रही है. दीपा के हत्यारे अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. लोग हत्यारे को पकड़ने की मांग कर रहे हैं.
कॉलेज की छात्राओं द्वारा निकाली गयी विरोध रैली में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के प्रति इनकी चिंता हाथों में लहरा रहे बैनर-पोस्टर से जाहिर हो रही थी. मौके पर महिला कालेज की प्रिंसिपल शमीमा खातून ने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति विकृत होती सोच चिंता का विषय है. नयी पीढ़ी में नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है. लड़कियों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए आत्मरक्षा की ट्रेनिंग अनिवार्य रूप से दिया जाना चाहिए.
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सदस्य अधिवक्ता विवेक कुमार ने छात्राओं से कहा कि महिला सुरक्षा के लिए कानून में अच्छे प्रावधान हैं.जरूरत है जागरूकता और विवेक की. सम्मान और सुरक्षा के मसले पर कभी समझौता न करें. अभिभावकों, शिक्षकों और जरूरत हो, तो कानून की मदद लें. इस अवसर पर प्रो स्नेह कुमार, बीके बड़ाइक सहित छात्रा तहसीन परवीन, पुष्पा, आरती गुप्ता, आंचल गोयल, सोनी अग्रवाल, मनीषा कुमारी, प्रज्ञा सरस्वती, स्वाति मित्तल, बारली कुमारी, शतरूपा कुमारी व सुनीता अग्रवाल आदि ने भी अपने विचार रखे.
छात्राओं ने कहा कि पिछले पांच सालों में महिला हिंसा के मामलों में 32 फीसदी से अधिक इजाफा होना चिंताजनक है. लोहरदगा में भी आये दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं. स्कूल काॅलेज की छात्राएं निशाना बन रही हैं. लड़कियों और महिलाओं में दोष ढूंढने के बजाय उस बुरी सोच का इलाज करना जरूरी है, जिससे इन वारदातों की उपज होती है. मौके पर बड़ी संख्या में कॉलेज की छात्राएं शामिल हुई.

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