गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है : गोपाल मणि

लोहरदगा़ : गो प्रतिष्ठा भारत यात्रा गो माता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिए देश के 676 जिलो में किये जा रहे भ्रमण के क्रम में लोहरदगा पहुंची. अग्रसेन भवन में गो कथा का आयोजन नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष बलराम साहू के सहयोग से किया गया. मौके पर संत का स्वागत पारंपरिक तरीके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2017 7:59 AM
लोहरदगा़ : गो प्रतिष्ठा भारत यात्रा गो माता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिए देश के 676 जिलो में किये जा रहे भ्रमण के क्रम में लोहरदगा पहुंची. अग्रसेन भवन में गो कथा का आयोजन नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष बलराम साहू के सहयोग से किया गया.
मौके पर संत का स्वागत पारंपरिक तरीके से किया गया. यात्रा का स्वागत बुद्धिजीवी नागरिक, गोशाला संचालकों, गो भक्तों एवं धार्मिक संगठनों द्वारा किया गया. मौके पर गोपाल मणि ने कहा कि गो माता हमारी भारतीय सनातन संस्कृति की मूल है. वेद शास्त्रों में गाय को मां का सम्मान है. हमारे संविधान में प्रत्येक नागरिक की धार्मिक आस्था की सुरक्षा और सम्मान का प्रावधान है़ लेकिन सरकार गाय को पशु श्रेणी में समझती है. उन्होंने गाय को राष्ट्रमाता का सम्मान देकर गो मंत्रालय स्थापित करने की बात कही. उन्होंने कहा कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है. गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास है.
गो मूत्र में गंगा का वास है. गाय आध्यात्मिक उर्जा का देवालय है. उन्होंने कहा कि गाय का अगला जन्म मनुष्य होता है. गाय हमारी अगली पीढ़ी है. जैसा व्यवहार आज हम गाय के साथ करते हैं वही व्यवहार हमारी आने वाली संतान हमारे साथ करेंगे. उन्होंने कहा कि गाय के गोबर में मिथेन गैस है इससे देश में घर-घर के चूल्हे जलाये जा सकते हैं. इसी गैस को सीएनजी में परिवर्तन करके देश की मोटरगाड़िया चलायी जा सकती है. गाय के गोबर से सर्वोत्तम खाद बनायी जा सकती है. एक किलो गोबर से 30 किलो खाद बन सकता है. सरकार खाद बनाने के उद्योग स्थापित करे और किसानों से 10 रुपये प्रतिकिलो गोबर खरीदे. जिससे गलियों में घुमने वाली गाय किसानों के घर में चली जाये. उन्होंने कहा कहा कि गोबर, गो मूत्र से सभी बीमारियों का इलाज है. गाय एक औषधालय है. मौके पर तपेश्वर देव, सुजित साहू, बलराम साहू, विकास गिरी, सचिंद्र अग्रवाल, अभिषेक मिश्रा, रोहित, प्रमोद, सूरज सहित शांति आश्रम के लोग मौजूद थे.

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