हमारी सभ्यता व संस्कृति धरोहर हैं

हिंदी नववर्ष पर प्रतिपदा उत्सव मनाया गया लोहरदगा : सुंदरी देवी सरस्वती शिशु मंदिर सभाकक्ष में हिंदी नववर्ष पर प्रतिपदा उत्सव मनाया गया. कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि जिला अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी ने किया. मौके पर उन्होंने कहा कि आज प्रकृति भी नया रूप लेकर नये वर्ष के स्वागत में जनमानस में उत्साह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 30, 2017 7:39 AM
हिंदी नववर्ष पर प्रतिपदा उत्सव मनाया गया
लोहरदगा : सुंदरी देवी सरस्वती शिशु मंदिर सभाकक्ष में हिंदी नववर्ष पर प्रतिपदा उत्सव मनाया गया. कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि जिला अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी ने किया.
मौके पर उन्होंने कहा कि आज प्रकृति भी नया रूप लेकर नये वर्ष के स्वागत में जनमानस में उत्साह भरने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की कोई तुलना नहीं है. हमें किसी भी पाश्चात्य संस्कृति अथवा इसके वाहक देशों से तुलना की आवश्यकता नहीं. हमारी सभ्यता व संस्कृति अपने आप विश्व के लिए धरोहर है.
हमें अपनी सोच बदलने की जरूरत है. देशभर के शिशु मंदिरों में शिक्षा के माध्यम से देश की सभ्यता एवं संस्कृति को मजबूती मिल रही है. शिक्षक धैर्यपूर्वक देशहित में भविष्य निर्माण में मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज के दिन हमें अपनी सोच के अंग्रेजीपन को कम करने का संकल्प लेना चाहिए क्योंकि लंबे अर्से से आदत के कारण हम अंगरेजी से अभी भी उबर नहीं पाये हैं.
इसमें समय लगेगा. लेकिन प्रयास की निरंतरता से हम अपनी परंपरा और सभ्यता व संस्कृति को मजबूत कर पायेंगे. आज के समय की अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए हमें इसका सदुपयोग करना चाहिए, ताकि हम भारतीय मान्यताओं की शक्ति को मजबूत करें. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष शशिधर लाल अग्रवाल ने कहा कि विद्यालय के माध्यम से संस्कार व सभ्यता संस्कृति के अनुरूप शिक्षण सेवा का कार्य हम निरंतर करते रहेंगे. मौके पर रांची कॉलेज के अवकाश प्राप्त हिंदी के प्रोफेसर डॉक्टर डॉ अर्जुन देव शर्मा ने कहा कि देश के लिए समर्पित भविष्य तैयार करना हम सबका कर्तव्य है. उन्होंने नववर्ष पर स्वरचित कविता का भी पाठ किया. स्वागत भाषण और धन्यवाद ज्ञापन के माध्यम से विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुरेश चंद्र पांडे ने कहा कि नव वर्ष और हिंदी कैलेंडर का अपना गौरवशाली इतिहास है. विद्यालय के शिक्षक अशोक सिंह विक्रमादित्य और दिवस की महानता पर विस्तृत चर्चा की. कार्यक्रम का संचालन महेंद्र मिश्र ने किया.
इसके पूर्व मुख्य अतिथि और समिति के प्रमुख पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उदघाटन किया. साथ ही मुख्य अतिथि का स्वागत प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने पुष्प गुच्छ और श्रीफल भेंट कर किया. विद्यालय के शिक्षिका सरिता जायसवाल, रीता तिवारी और अनीता कुमारी की अगुवाई में मां सरस्वती की वंदना की गयी. मौके पर प्रबंधन समिति के संरक्षक कृष्णा प्रसाद, संघ के विभाग संघचालक सचिदानंद लाल, प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष विनोद राय एवं वीरेंद्र मित्तल, संयुक्त सचिव लक्ष्मीनारायण भगत, सुधीर अग्रवाल, मनोज दास, नंद किशोर साहू, राजकुमार दीक्षित, अशोक साहू, गणेश साहू, प्रमोद साहू, कुशवाहा कांत, त्रिलोचन साहू, प्रीति कुमारी गुप्ता, सीमा कुमारी, नीति भारतीय, पूनम कुमारी, कुमार निर्भय सिंह, नूतन नूर तिग्गा, चंद्रशेखर कुमार, सौमिता दास भद्रा, मुरारी साहू, आरती भगत आदि मौजूद थी.
नववर्ष पर प्रभात फेरी
लोहरदगा. रामकली देवी सरस्वती शिशु मंदिर पावरगंज में विक्रम संवत् 2074 नववर्ष मनाया गया. विद्यालय के भैया बहनों एवं आचार्यों द्वारा नववर्ष पर प्रभात फेरी निकाली गयी. कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की निदेशिका डॉ राज मित्तल एवं प्रधानाध्यापिका सुधा देवी ने किया.
मौके पर राज मित्तल ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य द्वारा विदेशी शक आक्रमणकारियों पर विजय के उपलक्ष्य में विक्रम संवत‍् मनाया जाता है. जिस तरह भरत के नाम पर देश के नाम भारत पड़ा, उसी तरह विक्रमादित्य के नाम पर विक्रम संवत् पड़ा. उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद द्वारा आर्य समाज एवं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक दिवस भी माना गया है. मौके पर संगीता मित्तल, सुजाता देवघरिया, मालती देवघरिया, पुष्पा खलखो, किरण तिर्की, डोली कुमारी, नीरम रजक, जनार्दन सिंह, सुधांशू कुमार, सूरज कुमार साहु, अरूण बैठा आदि मौजूद थे.

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