प्रकृति बिना जीवन की कल्पना नहीं
मैना बगीचा में किया गया जिला सरहुल जुलूस का स्वागत, अिभनव ने कहा लोहरदगा : सरहुल के अवसर पर नवयुवक सरना समिति एवं स्वागत समिति मैना बगीचा के तत्वावधान में युवा नेता अभिनव सिद्धार्थ के नेतृत्व में जिला सरहुल जुलूस का स्वागत किया गया. इससे पूर्व नदिया गांव से अभिनव सिद्धार्थ, सोमा पाहन, राजु पुजार […]
मैना बगीचा में किया गया जिला सरहुल जुलूस का स्वागत, अिभनव ने कहा
लोहरदगा : सरहुल के अवसर पर नवयुवक सरना समिति एवं स्वागत समिति मैना बगीचा के तत्वावधान में युवा नेता अभिनव सिद्धार्थ के नेतृत्व में जिला सरहुल जुलूस का स्वागत किया गया. इससे पूर्व नदिया गांव से अभिनव सिद्धार्थ, सोमा पाहन, राजु पुजार के नेतृत्व में गाजे बाजे के साथ जुलूस मैना बगीचा पहुंचा.
श्री सिद्धार्थ ने कहा कि सरहुल आदिवासियों का बहुत बड़ा प्रकृति पर्व है. प्रकृति के प्रति श्रद्धा, भक्ति, आदर विश्वास, प्रेम की भावना आदिवासियों के विरासत में है. आदिवासियों के जीवन में संस्कृति प्रकृति के साथ जुड़ा एक अटूट बंधन है. आदिवासी प्रकृति के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं. शाल का वृक्ष वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. जड़ से लेकर फल तक औषधीय गुणों से परिपूर्ण होता है. उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति के संरक्षण हेतु संकल्प लेने की आवश्यकता है.
मौके पर सोमा पाहन, राजू पुजार, कार्तिक भगत, हरि उरांव, सुमलि लकड़ा, सुभाष लकड़ा, आदिल उरांव, जयराम उरांव, प्रेम उरांव, राजकुमार उरांव, रौना उरांव, रवि उरांव, संतोष उरांव, विनोद उरांव, संदीप उरांव, विरिया उरांव, छोटू उरांव, सुकराम उरांव, राजेंद्र उरांव, भोला उरांव, रौनी उरांव, गीता उरांव, सोमरी उरांव, सुमन उरांव, संगीता उरांव, राखी उरांव, गुंजा उरांव, सुनिता उरांव, रिया उरांव, सोमा उरांव, सोनी किस्पोट्टा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.