काम को ईमानदारी से करें : डीसी

सिविल सर्विस दिवस पर कार्यशाला का आयोजन लोहरदगा : मधुसूदन लाल अग्रवाल महिला महाविद्यालय के सभागार में सिविल सर्विस डे का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उदघाटन उपायुक्त विनोद कुमार, पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस एवं अन्य अतिथियों ने किया. कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों को बुके, शॉल एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. कार्यशाला को संबोधित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2017 7:32 AM
सिविल सर्विस दिवस पर कार्यशाला का आयोजन
लोहरदगा : मधुसूदन लाल अग्रवाल महिला महाविद्यालय के सभागार में सिविल सर्विस डे का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उदघाटन उपायुक्त विनोद कुमार, पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस एवं अन्य अतिथियों ने किया. कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों को बुके, शॉल एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीसी विनोद कुमार ने कहा कि नागरिकों की सेवा प्रशासन का प्रथम लक्ष्य है. और यदि हम इस कार्य को सकारात्मक एवं ईमानदारीपूर्वक कर सकें, तो हमारे समाज में सकारात्मक परिवर्तन होना निश्चित है.
एसपी कार्तिक एस ने कहा कि इस तरह के आयोजन से पदाधिकारियों में दक्षता बढ़ता है. इस तरह का कार्यक्रम समय समय पर आयोजित करने से हमारी दक्षता और कार्यक्षमता पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है. बंदना साहू ने कहा कि विभिन्न प्रबंधन गुरुओं द्वारा दिये गये सूत्रों को सरलीकृत करते हुए जोर दिया गया कि हम अपने जीवन में विभिन्न पहलुओं में सामंजस्य बैठाने की कला से परिचित हो जायें, तो हम बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि हम अपने दैनिक गतिविधि के 40 प्रतिशत हिस्से में वे काम करते हैं, जो अनुपयोगी कार्य कहा जा सकता है. यदि इस 40 प्रतिशत हिस्से को लक्ष्यों की प्लानिंग के लिए उपयोग करें तो न सिर्फ हमारा समय प्रबंधन बेहतर होगा, हम जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर कार्य करने में सफल हो सकेंगे. प्रो शिवराम कृष्णन ने कहा कि सरकारी तंत्र से हर व्यक्ति अपने जन्म से मृत्यु तक जुड़ा रहता है. एक सरकारी सेवक अपने हर क्षण में मूल्य सृजन करता रहता है. यदि सरकारी सेवक का कार्य सकारात्मक होगा तो सकारात्मक मूल्यों का सृजन होगा.
इसलिय मानव संपदा के रूप में मूल्य सृजन की महत्वपूर्ण इकाई के रूप में हमें कार्य करते रहना है. उन्होंने कहा कि यदि ऊपरी स्तर पर प्रशासनिक जवाबदेही की तंत्र महसूस करने लगे, तो अंतिम नागरिक को मिल रही सेवाओं में गुणात्मक सुधार देखने को मिलेगा.
कृत्यानंद भगत ने कहा कि प्रशासनिक सोच में और नौकरशाही के चेहरे में सकारात्मक परिर्वतन दिखाई देता अवश्य है, लेकिन बेहतरी की कोई अंतिम सीमा नहीं होती, प्रशासन और नौकरशाही को उसकी उपलब्धि की तरह होना होगा जो अपने तांबे और लोहे को सोना बनाने की कोशिश में निरंतर लगा रहता है. कार्यक्रम को अंजिता बहन, नीलम बहन ने भी संबोधित किया. मौके पर जिले के तमाम पदाधिकारी मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version